Vegetable Gardening

Community Meeting 28 Jan 24: Seedling & Mindset of Vegetable Gardening



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बहुत बहुत स्वागत है आप लोगों का वेज रूफ कम्युनिटी की इस मीटिंग में इस बैठक में और यह मुझे लगता है कि जनवरी की आखिरी बैठक है और इसमें अब सीडलिंग का टाइम एक बड़ा इंपोर्टेंट फेज प्ले करेगा खासकर जो लोग आगे बढ़ना चाहते हैं तो सीडलिंग से

संबंधित आपके सीनियर यूटर है गौतम जी और अजय जी है जो इस फीड में काम करते हैं बंदा जी है फंडर वेज की और साथी धीरे धीरे जुड़ेंगे इसमें तो चाहता हूं कि आज थोड़ा सीडलिंग पर एक बातचीत हो जाए पम जी है को फाउंडर हमारी वेज रूप की और अच्छा

एक्सपीरियंस रखती है तो आज सीडलिंग पर बात कर लेते हैं एक गार्डनर के लिए कितना इंपोर्टेंट है फिजिकली कहा प्रॉब्लम आती है और सीडलिंग पर मुझे लगता है कि एक सब्जेक्ट बाकी और लोग भी आप लोग भी सब्जेक्ट सुझा सकते हैं तो एक चीज पर फोकस

होगी तो थोड़ा सा कुछ निकल के सामने आता है ऐसा मेरा मानना है गौतम जी कुछ कहना चाहते हैं आप शायद ऑन हो रही है तो इसपे स्वागत है सर मैं इतना टेक्निकल सेवी नहीं हूं तो मुझे थोड़ा टाइम लगता है इसको चक करने में

जूम में यही है कि वो खासकर ऑडियो को लेकर प्रॉब्लम आती है कई बार और पहली बार इना इतना इंट नहीं है इतना इंट नहीं है कि सामने साफ साफ दे इसको ऑन करो तो वीडियो न हो गया इसको दबाओ तो माइक ऑन हो गया इतना

ही सिंपल है थोड़ा ढूंढना पड़ा और काफी दिन बाद मैंने इसको दोबारा यूज किया तो थोड़ा टाइम लगा नहीं नहीं चलिए तो स्वागत है आप सोच ने का सीडलिंग प आज एक बातचीत हो जाए और सीडलिंग प क्या अनुभव है अजय जी चकि गाड़ी चलाना चाह रहे हैं तो उनका क्या

अनुभव करता है सीडलिंग पे बीज पे सबसे बेसिक्स है कि कैसे किया जाए और गार्डनर्स के लिए कितना इंपोर्टेंट है क्या इसमें रियल समस्याएं आती है तो अजय जी अगर आप कुछ कहना चाहे क्योंकि आप कहीं रास्ते में है तो आप विषय को आकार दे नहीं तो मैं फिर आगे

फिलहाल आप आगे चलिए मैं अभी ठीक है बढ़िया बवास आग्रह करूंगा कि एक बार सीडलिंग को लेकर उनका क्या नजरिया है एक बार इस विषय पर शुरुआत करें फिर आगे की तरफ बढ़ते हैं हम गौतम जी के पास और उसके बाद फिर आगे प्लीज ब जी जी थैंक यू मिलेश जी और

सीडलिंग पर हम पहले भी बहुत सारी बातें कर चुके हैं कि अगर हम सीडलिंग टाइमली कर लेते हैं हमारे पास स्टॉक रहता है तो वेजिटेबल गार्डनिंग काफी इजी हो जाती है हमारे लिए क्योंकि ऑर्गेनिकली जब हम सब्जियां ग्रो करते हैं तो उसका रेशियो देखेंगे तो बहुत सारे प्लांट्स खराब हो ही

जाते हैं अलग-अलग स्टेज में कभी शुरुआत में तो कभी थोड़े से मिडिल एज में आके प्लांट्स खराब हो जाते हैं तो हम बार-बार जाके प्लांट ले आए यह पॉसिबल नहीं हो पाता है नर्सरी से जाना आना और मन हट जाता है फिर छूट जाती है वो चीजें पीछे और जब

हमारे पास सीडलिंग रहता है तयार रखते हैं नर्सरी तैयार रखते हैं तो वह बैकअप हमारे पास रहता और काफी इजली हम खरा प्लांट को रिप्लेस कर पाते हैं तो एज होम गार्डनर आपके पास जितनी आपकी आवश्यकता है उसके हिसाब से कुछ ना कुछ आपके पास नर्सरी रेडी

रहनी चाहिए और सीडलिंग को लेकर मैं यह कहूंगी कि बजाय की एक ही बार आप सारे सीड्स को जर्मिनेट कर ले आपको 151 20 20 दिन के अंतर पर अगर आप सीड्स लगाते हैं तो व एक अलग अलग स्टेज पर आपको प्लांट मिलते र और थोड़ी मात्रा में आपके पास प्लांट रहना

चाहिए तो यह तो कंपलसरी है मेरे ख्याल से हमने इसको ट्राई भी किया है शुरुआती समय में जब हम नर्सरी जा कोई प्लांट मर गया तो व हम सोचते थे अब जाएंगे तब जाएंगे करते करते वो दयो दिन निकल जाते थे और वो एक स्टेज निकल जाता था पूरा और कई बार हम

पीछे हो जाते थे तो जैसे टमाटर लगा तो दिया अब मौसम बहुत गर्म होना शुरू हो गया प्लांट बढ़े जा रहा है बढ़े जा रहा है हम इस उम्मीद में है कि फ्लावर आएंगे फ्रूटिंग आएंगे वो सब चीजें फिर हम एकदम से मिस कर जाते थे तो जब से नर्सरी शुरू

कर दी हमने प्लांट सीडलिंग लगाने शुरू कर दिए तो इस चीज को हमने काफी रिड्यूस कर लिया इस टाइम को और काफी हेल्प मिला है तो यह मेरी तरफ से है कि आप करते रहे एक एक 151 दिन पर जैसे आपको कंफर्टेबल लगता है क्या सिचुएशन है तो एक पौध की आपके पास

पूरी रेंज रहनी चाहिए जो खास करके टमाटर मिर्च बैंगन ये जो हम उगाते हैंकी हमारे पास रेंज रहनी चाहिए जी बहुत बहुत धन्यवाद दो पॉइंट आपने मेंशन किया कि सलिंग रेंज रनी चाहि एक्सपीरियंस है क्योंकि आदमी थोड़ा सा आलसी प्रवृति का होता है तो बड़ा मुश्किल हो जाता है उसका जाना कहीं आना

वही बड़ा टफ हो जाता है मैं गौतम जी के पास आऊंगा सर सलिंग कितनी इंपोर्टेंट है और बेसिकली अगर किया जाए वेजिटेबल गार्डनिंग खासकर कोई करता है आप करते रहते हैं और आप अच्छा एनालाइज भी करते हैं और उसमें बेसिक क्या चैलेंज आते हैं क्या सावधानी रखे थोड़ा एक्सपीरियंस की बात

करें गौतम जी पहले तो हमें थोड़ा सा फ्लेक्सिबल होना पड़ेगा कि हम लोग किन लोगों से बात कर रहे हैं अगर मुझसे भी पूछेंगे किई अगर मुझे टमाटर की मिर्च की बैगन की सीडलिंग लगानी है तो बीज डाला और एक महीने तक उसका जो सीडलिंग है वह आपका एक इंच से बड़ा नहीं

होता है और इतना मजबूत होता है कि उसको फूक मार दो तो लेट जाए वो तो किन लोगों से हम लोग बात कर रहे हैं उसको पर डिपेंड करता है कि सीडलिंग स्टार्ट करनी है या सेपलिंग लेनी है बाजार से बाकी आपकी बात में दम है इक्ट मैं ये

चीज नहीं करता था आप आप लोगों से मैंने सुना और मुझे लगा कि हां यह बहुत ही जरूरी चीज है कि अपनी नर्सरी तैयार रहनी चाहिए कि भाई एक शहीद हुआ तो उसको जगह लेने के लिए दूसरा तैयार बैठा हुआ है कि भाई इसको हमने लगा लिया यह बहुत जरूरी है ये करना

चाहिए बाकी सीडलिंग जहां तक आप कह रहे हैं तो उसका भी एक थोड़ा टाइम भी रहता है कि आप किस टाइम पर क्या लगा रहे हैं काफी हद तक य पॉसिबल भी नहीं रहता कि हम सारी सीडलिंग अब टमाटर की जैसे आपने बात की तो चार महीने का पांच महीने का इसका टोटल

सीजन रहता है तो मान लीजिए अगर हम दो महीने बाद एक नई सीटिंग लगा भी लेते हैं तो जब तक वो फ्लावरिंग स्टेज प आएगा और दिल्ली की गर्मी में तो उसके फूल ही जल जाएंगे पॉलिनेशन ही नहीं होगा तो ठीक है आप बिल्कुल नर्सरी थोड़ा सा अगर हम उसको

आपकी बात में मैं ऐड करूं सपोर्ट करते हुए तो मेरा ये कहना है कि थोड़ा सा हम लोग दिल्ली के एक्सट्रीम क्लाइमेट के हिसाब से अब वो पूनम जी तो छत्तीसगढ़ में रहती हैं उनके य तो मॉडरेट वेदर है वो साल भर कुछ

ना जब वो जो चाहे वो उगा सकती हैं बट हम दिल्ली वाले जो हैं तो हमें ग्रोइंग पी पीरियड जो है बहुत कम मिलता है तो हम लोग आपकी बात में अगर मैं ऐड करूं तो मैं सिर्फ ये ऐड करना चाहूंगा हम लोग प्री स्टार्ट कर सकते हैं थोड़ा सा हम लोग को

मैनेज करना पड़ेगा क्योंकि अगर कोई लौकी का बीज है या खीरे का बीज है तो उसको 18 डिग्री के ऊपर ही जर्मिनेट होना है उससे नीचे जर्मिनेट नहीं होगा तो थोड़ा सा उसको ऐसा घर के अंदर रख लिया जैसे भी ग्रो लाइट में अर जहा टेंपरेचर ठीक है उसम प्री

स्टार्ट कर सकते मेरा ये ऐड करना था आपकी बात के ऊपर बहुत आपने सार्थक बताया सेपलिंग वाले में भी और होनी चाहिए हा अजय जी के पास अभी आ रहे है थोड़ा सा सम अप करते चले एक एक चीज अजय जी आप ऐड कर लीजिए प्लीज आप कहे प्लीज अपनी बात सभी को

नमस्कार गुड मॉर्निंग और नहीं बहुत अच्छी बात विंद वासनी जी ने भी शुरू की और गौतम जी ने भी बहुत उसी कोही कंटिन्यू रखा और मैं भी इसी बात के फेवर में हूं कि अगर जो लोग वेजिटेबल गार्डनिंग कर रहे हैं उनको कहीं ना कहीं अपना सीडलिंग का जो है एक

समय आएगा तो खुद ही करना पड़ेगा लेकिन इसमें जैसे गौतम जी ने बताया समय समय बहुत इंपॉर्टेंट है हालांकि बहुत सारे ट पर और बहुत सारे अवेलेबल है कि सीजन क्या रहे तो जैसे हमारा यह वाला प्लेटफार्म है आज जैसे बात कर रहे हम लोग तो अभी जनवरी फरवरी

मार्च इसके हिसाब से हम कौन-कौन से हमारा जो फोकस है वह भी शायद इन्हीं पर होना चाहिए कि इस सीजन में खासतौर पर दिल्ली एनसीआर की हम लोग बात कर रहे हैं पूनम जी छत्तीसगढ़ में है तो व मॉडरेट है सच बात है लेकिन अभी कौन सा सीजन के हिसाब से

कौन-कौन सी वेजिटेबल्स पर हम लोग ध्यान दें ताकि ज्यादा से ज्यादा आउटपुट लोगों को मिल सके इनकरेजमेंट मिल सके क्योंकि बगैर किसी सीजन के कोई सीडलिंग करते हैं या उसको लेक आते हैं उगाते हैं तो कहीं ना कहीं फेलर होने के चांसेस ज्यादा है तो एक

तो हम अपने इस प्लेटफार्म पे जैसे ही हमारी मीटिंग खत्म हो तो हम कंक्लूजन प निकले कि फरवरी और मार्च में हम इस तरह की सीडलिंग का या सेपलिंग को यूज करके जो है वेजिटेबल ग्रो करें ताकि हमें फरवरी मार्च और अप्रैल तक हमें वो हमें मिलता रहे तो

एक इस कंक्लूजन पे आए ताकि एक निष्कर्ष निकले हम लोग ही है चाहे छह लोग हैं कम से कम हम तो कॉन्फिडेंट हो जाएंगे हम खुद करेंगे और लोगों को करवाएंगे भी तो एक कंक्लूजन और दूसरा हम कल को अपना कोई वीडियो भी बनाते हैं तो हम बात कह सकते

हैं कि हमने जो है 28 जनवरी को ये हमने बात किया था और 28 जनवरी के बाद हमने ये सेपलिंग को यूज किया या सीडलिंग हमने लगाया तो आज उसका यह रिजल्ट है तो हमारी बात में तथ्य में एक आधार होगा और वो एक रीजनेबल लॉजिकल आधार होगा तो एक तो तो इस

बात को हम जरूर करें दूसरा कृषि विकास केंद्र जो है भारत सरकार की ओर से काफी जो है सेपलिंग अवेलेबल होते हैं पूरे भारत में ये फैला हुआ है तो वहां पर हम कभी-कभी उनके बारे में भी बात किया करें तो वहां पर लगभग दो तीन रुप एक दो रुपए दो तीन

रुपए में ये सब सेपलिंग अवेलेबल हो जाती है वेजिटेबल्स की ये मैं खुद हम लोग मिलते हैं उनसे तो वहां पर ये जानकारी हमें मिली हुई है हम लोग जाते जाते रहते हैं तो उसका भी फायदा उठा सकते हैं ताकि कॉस्टिंग का लेकिन इसमें चैलेंज ये है कि

जैसे विद्य वासनी जी ने कहा कि आने जाने वाला और समय निकल जाता है तो यहां पर हमें समय के लिए तो कुछ लोगों को तो कमिटेड होना ही पड़ेगा कि हम उस समय को बार-बार लोगों को बताएं बार-बार लोगों को बताएं कि

जी है 27 जनवरी से लेकर 10 फरवरी तक आप यह वाली सेपलिंग या सीडलिंग्स का कीजिए तो आपको जो है फलाना आगे तक का आपको यह वेजिटेबल मिलने वाला है तो ये कुछ चीजें हमें सीजनेबल सीजन के हिसाब से हमें रिपीट रिपीट रिपीट बारबार बोलनी पड़ेंगी और जैसे

हम पहली बात तो हम सात है तो ये इसको 70 प ले जाना पड़ेगा क्योंकि मल्टीप्लाई तो हमें करना ही पड़ेगा और बहुत अच्छा इनिशिएटिव है आज कल परसों हम पिछली बार हम पांच थे छ ऐसे बढ़ते जा रहे हैं मैं तो खैर दूसरी बार आया हूं मुझे बड़ा अच्छा

लगा है तो ये हम इसको एक सिस्टमिक वे में और जैसे इस जो ग्रुप है हमारा एक कंक्लूजन मिले जी टाइप कंक्लूजन की भाई चाहे पांच सात पॉइंट ही हो कंक्लूजन पर निकले कि जो भी बात का कंक्लूजन हो वो हम लास्ट में इस मीटिंग का जूम मीटिंग का कंक्लूजन करके जो

है कोई भी लिख के भेजे वैसे आप कोऑर्डिनेटर है तो आपको सारा सिचुएशन पता होगा हमारा तो ऑन ऑफ होता रहता हैम तो यह बहुत अच्छा हो जाएगा है ना जी और दूसरा यह है कि थोड़ा परिवार या रिश्तेदारों को हम कहीं ना कहीं शुरुआत की जो है उनको हम

जरूर इनवाइट करें जैसे हम आज सात लोग हैं अगली बार अगर हम दोदो लोगों को भी इनवाइट करें तो कम से कम हम 10 से 12 हो जाएंगे और कहीं अगर किसी का भी इंटरेस्ट आ रहा है तो मल्टीप्लाई होने में हमा हमें बहुत आसानी होगी इसके लिए हमें कहीं जाने की भी

जरूरत नहीं है और देखिए वैसे तो सभी का होना जरूरी है लेकिन महिलाओं का अगर इसमें रुझान बढ़ेगा क्योंकि वो सेंटर पिलर होती है किसी भी घर का तो वो बहुत बड़ा एक काम होने वाला है एक तो इकोनॉमी के हिसाब से घर से बाहर जाना और सब्जी लाना वो सब

चीजें हैं दूसरा एक जो आने वाली जनरेशन है उनको एक जो मोबाइल पर लगे रहते हैं उनको एक नया वो एंटरटेनमेंट का और मतलब जोश के लिए नॉलेज के लिए एक नया रास्ता मिल जाएगा तो मैं समझता हूं कि अगर हम 100 हज लोगों

तक भी पहुंच पाए और उसमें से अगर 100 लोग भी अपना मोबाइल छोड़ के और इस काम में लग जाते हैं तो हमारे लिए बहुत बड़ी अचीवमेंट होगी कि हमने कम से कम 100 लोगों को तो उस नर में जाने से बचा लिया कि मोबाइल मोबाइल

मोबाइल और यह एक घर के लिए मैंने कहा ना सेंटर पिलर होती है महिला और महिला अगर इस तरीके के काम में लगती है तो एक बहुत सराहनीय काम है बहुत बहुत ज्यादा सराहनीय काम है दूसरा बहुत सारे फायदे हैं कि हम केमिकल से फर्टिलाइजर से उनसे बच सकते हैं

हमारी मन मर्जी का जो है फ्रूट वेजिटेबल हमें घर पर मिलेगा फ्लावरिंग हमें मिलेगी तो ये सब चीजें बहुत एक तरह से बहुत अच्छा है आपकी इमोशन जो है सर आपकी इमोशन बिल्कुल डिलीवर हो रही है और व समझ में आ रहा है कि इतनी क्योंकि जो समझ चुका है वो

इसकी कीमत वाकई में जान गया है कि सच में पूरी लाइफ स्टाइल की आप बात कर रहे हैं फ्रॉम ए टू जी इसमें देखें तो केवल फायदे ही फायदे हैं कुछ ऐसी बड़ी समस्या नहीं है महिलाओं की बात की बच्चों की बात की और वाकई ये चीज बहुत ही सार्थक है तो महसूस

कर रहे हैं हम लोग दिक्कत कहां आती है साइकोलॉजी की ज्यादा दिक्कत आती है अक्सर लोग समझते हैं कि वो कार्य उनका हाथ या पैर कर रहा है लेकिन सारा कार्य दिमाग करता है और दिमाग बड़ा कंफर्ट जोन में करता है काम वो वो बदलने को तैयार नहीं

होता है उनको लगता है कि अच्छा कुछ नई चीज है जादू है बटन दबाओ बिजली जल जाएगी अच्छा गार्डनिंग है करना पड़ेगा फिर दूसरे तीसरे वीक से समझने के बावजूद भी जब तक सर प बिल्कुल पिस्टल ना आ जाए जब तक सच में किसी के घर में कोई भगवान ना करें लेकिन

कोई कैंसर पेशेंट ना हो जाए और वो भी कोई फर्क नहीं पड़ता घर में भी हो जाए जबतक खुद ना हो जाए मैं बड़ी हार्ड बात बता रहा हूं ह्यूमन मेंटालिटी की और मुझे लगता है कि आप लोग भी एक अच्छा एक्सपीरियंस रखते हैं घर में भी किसी को हो जाए तो थोड़ा

बहुत फर्क पड़ेगा जब तक खुद को ना हो जाए तब तक यह मनुष्य जो है अच्छी चीजों को जानते हुए भी व आदमी उसी में लिपटा रहता है ठीक इसी प्रकार से तो एक साइकोलॉजी की बात है और इस पर धीरे धीरे बात करनी पड़ेगी संजय जी आए हैं और धीरे धीरे ही

आगे बढ़ना पड़ेगा मैंने जैसे एक लाख लोग है मतलब 100 लोगों प भी हम लोग कामयाब हो जाए तो व भी मैंने डाटा तो बहुत लोअर लेवल प लिया है तो बस यही आएगा सर आएगा य यह चीज आएगी और धीरे-धीरे जब लोगों की बात होगी ना

क्योंकि इंडिया में तो आप लोग देखते ही है कि मेंटालिटी य है कि बिजली जाए तो सबसे पहला दिमाग जाता है कि अा पड़ोस की बिजली गई है कि नहीं अच्छा पड़ोस की बिजली गई है तो रिलैक्स हो जाओ एक है छोटी चीज लेकिन देखिए कितनी प्रैक्टिकल चीज है अगर पड़ोस

की बिजली गई है तो फिर शायद ही बहुत ऐसे कम लोग है कि उठा के वो बीएससीएस ऑफिस इलेक्ट्रिसिटी ऑफिस में वो फोन करेंगे कि भाई क्या दिक्कत है क्यों बिजली आ रही है नहीं करेंगे फोन सबकी गई है तो रिलैक्स हो जाएंगे कि कोई ना कोई तो करेगा है साधारण

सी बात लेकिन बड़ी मुझे लगता है कि हम लोगों की मेंटालिटी बताती है और ये लंबा पीरियड रहा है इस पर बात करनी पड़ेगी और मुझे लगता है कि आप जैसे लोगों को रेगुलर में अंतिम बात मैं बस बोलना चाहूंगा एक अंतिम बात बस अभी मेरी तरफ से कि देखिए

बात घूम फिर के वही आएगी कि हमें व्ट वई एंड हाउ ट जो है वेजिटेबल गार्डनिंग क्या है किचन गार्डनिंग क्या है रूफ टॉप गार्डनिंग क्या है एक तो हमें ये खुल के बात करनी पड़ेगी किय है क्या दूसरा क्यों करें या तो हम क्यों पहले कर सकते हैं वाई

कि हम क्यों करें यह हमें बार-बार बारबार इसकी चाहे हम कंटीन्यू मीटिंग की क्यों करें लोगों के दिमाग में स्ट्राइक होगा कि क्यों करें हम ये जो फायदे हैं बच्चों के फायदे हैं शरीर के फायदे हैं हेल्थ के फायदे वो सब बातें करें और हजारों बातें

जो भी इससे रिलेटेड है कि क्यों करें वो करेंगे जब लोग के दिमाग में जाएगी तो कहीं ना कहीं उसकी शुरुआत हो जाएगी और फिर तीसरी बात आती है जैसे आज हम सेपलिंग की बात कर रहे हैं सीडलिंग की बात कर रहे हैं तो ये है

कि हाउ कैसे करें कि ये तीसरा मैटर है ये तीनों सब्जेक्ट ही रहेंगे हमारे लेकिन बस वही एक बार पहले वाई वाले लोग हमारे साथ आ जाए फिर व्ट क्या है उस समझे और फिर उसके बाद हाउ कैसे करें इस तरीके से हम सिस्टमिक वे में चले तो ये मेरा मानना है

मेरा यहां मे हम लोग एक मिनट मैं एक चीज जोड़ना चाहता हूं यहां पे हम लोग ऐसी बात कर रहे हैं कि वेजिटेबल ग्रोइंग एंड फ्लावर ग्रोइंग र्न मेंटल लिफी जो प्लांट्स है वो ग्रोइंग ठीक है ना तीन तीन इसमें अगर हम डिवीजन कर द तो काफी बड़ा एक

तबका है जो इंडिया में ऑलरेडी फ्लावर ग्रो कर रहा है लीफ ऑना मेंटल प्लांट्स ग्रो कर रहा है तो एक नया कुआ खोद के उसमें बताए कि इसके फायदा क्या है मुझे लग रहा है कि अगर हम लोग ऐसे लोगों को जो फ्लावर ग्रो कर रहा है ऑलरेडी जो इस तरह के प्लांट

ग्रो कर रहा है अगर उनको हम फायदा समझाने की कोशिश करें फायदा खैर उन्हीं को समझना है जैसे अगर मिथलेश जी की बात कहूं मैं पीछे वीट ग्रास बेचता था वीट ग्रास अपने आप में चलिए प्रसी बेनिफिट है उसके कि अच्छा है बुरा जो भी है लेकिन काफी अच्छा

माना जाता था कैंसर में फायदा है इसमें फायदा है हेल्थ बेनिफिट्स है लेकिन मेरा जो अनुभव यह था कि जब तक मिथलेश जी की बात को सपोर्ट करते हुए कि जब तक अपने सिर पर कोलड़े नहीं पड़ती थी तब तक उससे को बचने का प्रयास नहीं करता तो हम चाहे कितना भी

सिखा ले किसी को कि भैया ये आप जो है आर्गेनिक खाओ आपके परिवार को फायदा होगा आपके बच्चे अच्छे हो जाएंगे आपका फैमिली क्वालिटी टाइम बढ़ जाएगा कोई नहीं सीखेगा जब तक उसके अंदर से इच्छा नहीं आएगी तो अभी मुझे लग रहा है कि अगर आप सही में

देखिए ये अपने आप में एक बड़ा क्वेश्चन है कि हमारा मोटिव क्या है हमारा स्वार्थ क्या है क्या हम क्या इतने बड़े क्या कहते हैं संत और वो क्या है कि हम लोग समाज में बैठकर लोगों को वेजिटेबल ग्रो करना उसके बेनिफिट के लिए आज यहां बैठे हु हमारा

हमारा मोटिव क्या है चलिए वो छोड़ भी देते एक बात को तो चलिए जो भी मोटिव है लेकिन अगर हम उन लोग को टैप करें जो फ्लावर उगा रहे हैं जो प्लांट्स उगा रहे हैं तो वो इजी इजली मेरे ख्याल से थोड़ा सा कन्वर्ट

हो सकते हैं और ये मैंने किया है जब मैंने 20177 से लोगों से जब मैं जुड़ा अपने चैनल के थ्रू में तो मैंने बहुत लोगों को कन्वर्ट किया है और आप बिलीव नहीं करेंगे जब उनके रिजल्ट आना चालू होते हैं जब आप उनको सही देखिए रि एक तो एक मुझे यहां पे

ये भी समझ नहीं आ रहा कि हम लोग जो बात कर रहे हैं आपस में तो हम लोग बात कर रहे हैं कि भाई साहब आप यह काम करना चालू करिए फिर आप बाजार से क्या कहते फल नहीं खरीदेंगे आप बाजार से सब्जी नहीं खरीदेंगे सर थोड़ा

सा रियलिस्टिक भी होना पड़ेगा आप क्या कहते हैं 10 गमले अगर लगा रहे हो तो आप उससे कितनी मील्स ले सकते हो चाहे इनका रूफ टॉप जो भाई साहब जो टावर करते हैं उसमें क्या क्या ग्रो हो जाएगा भाई लिफी वेजिटेबल ग्रो हो जाएगी लेकिन आप

उसम अमरूद तो ग्रो नहीं करोगे तो ठीक है जगह की स्पेस की प्रॉब्लम है सिटी में हम लोग रह रहे हैं गांव वाला तो खेत में उगा ही रहा है हम लोग अगर बात करें सिटी वाले की तो उसके पड़ोस की भाई साहब ने एक कमरा

ऊपर उठा दिया तो पहले तीन घंटे धूप आती थी वो दो घंटे धूप आने लगी इस तरह की बहुत सारी प्रॉब्लम्स है इसके अंदर में तो हमें थोड़ा सा रियलिस्टिक भी होना चाहिए कि हम उनको क्या सपने बेच रहे हैं अगर गलत सपने हमने बेच दिए किसी को तो भाई साहब वो एक

बार तो लगा लेगा हमारे कहने पे दूसरी बार गाली देगा वो तो थोड़ा सा इसम हम रियलिस्टिक रियलिस्टिक भी होना पड़ेगा इसमें कि भाई साहब ठीक है आप स्टार्ट करो आप पालक उगाओ थोड़ी सी इसी तरह से उगाओ आप ये नहीं किसी को कह सकते कि वैसे आपको

बाजार से सब्जी खरीदनी बंद हो गई मुझे नहीं पता यहां पे टा सब्जी उगा रहा हू लेकिन इस तरह से नहीं हुआ आज तक कि भैया मैंने बाजार से सब्जी लेना बंद कर दिया अब मेरे पास कोई 40 फुट बा दो फुट की बालकनी है उसके अंदर

में मैं तरह-तरह की चीजें ग्रो करता हूं बट ऐसा नहीं है कि आप बंद कर सकते हैं हां थोड़ा सा रियलिस्टिक भी होना पड़ेगा और दूसरा पॉइंट जो मैंने बोला कि जो ऑलरेडी फूल फूल पत्ते जो ग्रो कर रहे हैं उनको टैप करें हम लोग इंस्टेड की नई एक जमात

तैयार करें कि भाई साहब आप ऑर्गेनिक सब्जी ग्रो करना चालू करो जी नहीं बिल्कुल देखिए ये आपने कई सारे पॉइंट्स को कवर किया और उन पॉइंट्स में जो मेनली है कि पहला जो पॉइंट था कि भाई लोग जब तक खुद से इंस्पायर नहीं होंगे और व जब तक खुद पर

आएगी नहीं बात तो बड़ा मुश्किल होता है उनके लिए करना तो इससे मैं अपने आपको जो सीटी देता हूं कि कितना लंबा सफर है कितने धैर्य की जरूरत है कि अगर आप चाहते हो कि लोग थोड़ा बहुत इसकी तरफ प्रेरित हो और उस तरफ से आगे जाए तो यह एक लंबा सफर है

क्योंकि बहुत इजी है कि पालक के चार बीज लेके आप अपने गमले में जो है वहां पर फैला दो या चार धनिया के बीज लेकर उसको फैला दो लेकिन अगर लोग इतना भी नहीं कर रहे हैं और जानते हैं ऐसा नहीं है कि उनके पास

एजुकेशन नहीं है तो अगर जानते हैं और ऐसा भी नहीं कि उनको चटनी पसंद नहीं है या धनिया की सुगंध पसंद नहीं है उनको अपनी सब्जी में तो यहां पर एक क्रेक करना है यहां पर हमें बातें करनी है तो यहां से एक रियलिस्टिक एक दो स्टेप आगे चालू होंगे और

इस तरीके से और नेचुरल है कि कोई भी चीज दुनिया में बेस्ट नहीं है बेटर सलूशन है कि अगर आप गाना शुरू करते हो तो पहली स्टेज से आप दूसरी स्टेज प आप क्रॉस कर जाओगे कि चलो यार कुछ नहीं तो चटनी मिल रही है चलो पालक इतना उग रहा है कि उसके

सूप बनाया जा सकता है बच्चों के लिए चलो इतना हम गार्डनिंग कर रहे हैं कि बच्चों की लाइफ स्टाइल में दो चार परसेंट का हम चेंज कर रहे हैं तो ऐसे ग्रोथ होगी कोई ऐसी ग्रोथ तो है नहीं कि बटन दबाए और सीधे आसमान प पहुंच गए तो ये मुझे लगता है कि

रियलिस्टिक नहीं है इस परे बात करनी पड़ेगी जो जागरूक लोग हैं उनको अपनी जिम्मेदारी हम लोगों को उठानी पड़ेगी चाहे मैं हो गया चाहे आप लोग या कई सारे एसोसिएटेड बिजनेसेस भी है हमारे अब वर्टिकल गार्डनिंग का मैं करता हूं वो बिल्कुल अलग है अजय जी भी बिजनेस में है

वो अलग है गौतम जी भी अपना य चैनल चलाते हैं वो अलग है इसका प्लेटफार्म का मकसद मेन यह है कि सच में साइमल नियस साथ में क्या लोग सच में कुछ शुरू कर सकते हैं क्या यह एक उसका कंसीडरेशन है कहां उनको दिक्कत आ रही है सीडलिंग की क्या हम अपने

पूरे टाइम में से हफ्ते के आधे घंटे 40 मिनट निकाल के इन विषयों प बिना किसी समस्या के बात कर ले तो मुझे लगता है कि एक साइमल नियस वर्क होगा साथ का वर्क होगा मैं संजय जी के पास आऊंगा संजय जी सीडलिंग

पर बात हो रही थी तो सीडलिंग का एक तो मैं बताऊ बीच में विषय थोड़ा सा जो है और डेप्थ में चला गया तो सीडलिंग प क्या नजरिया है उस परे बताइए और एक सेकंड के अंदर एक मिनट के अंदर एक सेकंड के अंदर नहीं एक मिनट के अंदर अपनी अपना

एक्सपीरियंस शेयर कीजिए कि लोग जान बूझ के भी समझ के भी एक कदम आगे क्यों नहीं बढ़ाते क्या ऐसी चीज है कि वो बढ़ाए आपका क्या सजेशन है संजय जी सर मैं थोड़ा सवाल आपका समझ नहीं पाया कि सीडलिंग की हम अपनी प्रैक्टिकल बात कर

रहे हैं कि लोगों को आगे और इसको मतलब इसमें दो क्वेश्चन इसमें दो क्वेश्चन हो गए एक तो सीडलिंग की सीडलिंग का समय चल रहा है तो सीडलिंग का अब जैसे जनवरी लास्ट में चल रही है तो एक गार्डनर को सीडलिंग करनी चाहिए नहीं करनी चाहिए कितना हेल्प

है कैसे करें कुछ आपके पास एक्सपीरियंस है तो बताए दूसरा सीडलिंग का तो सीधा फार्मूला है जी हमारे गुरुजी है मैं उनके से संपर्क में आया था अभी कुछ दिन पहले उन्होंने एक बहुत अच्छी बात कही कि सीड लगाते रहो कोई सीड ऐसी चीज नहीं है कि बहुत ज्यादा महंगी चीज है कोई

हजारों रुपए खर्च हो रहे हैं र का पैकेट मिल जाता है और एक पैकेट जो है उसके अंदर बहुत सारे सीड्स होते 50 से लेकर 100 स सीड्स होते हैं वो कह रहा है जी हर हफ्ते बीज लगाओ आप क्या दिक्कत है नहीं निकलेगा और तो कुछ नहीं होगा इससे जदा आप लगाते

रहो हर हफ्ते जो है करते रहो करते रहो करते रहो आप मतलब कभी तो आपको रिजल्ट मिलेगा रिजल्ट इन द सेंस मौसम को देखते हुए अभी जैसे आपने बोल दिया कि मौसम अभी उचित है उसके लिए मगर कई बार क्या है कि अब जैसे कल धूप अच्छी निकली एनसीआर में आज

फिर धूप नहीं है तो मौसम अभी थोड़े दिन तक पलटी देता रहेगा मेरे हिसाब से अनदर 10 15 डेज 15 फरवरी के बाद मैं मान सकता हूं शायद मौसम थोड़ा स्टेबलाइज हो तो मेरे को बात उनकी अच्छी लगी मैंने जो है 3400 सीडलिंग अभी चार पाच दिन पहले लगा दिए थे

21 तारीख को अब फिर एक हफ्ते बाद फिर लगा दूंगा ट्रे मैंने सब तैयार कर रखी है तो सीडलिंग तो ऐसी चीज है सर मेरे को बात उनकी बहुत अच्छी लगी टमाटर लगाने आपने हर हफ्ते लगा चलते रहो आगे ये पूर्ण रूप से एक्सपीरियंस है

और ये मैंने भी अपने दो ढाई साल का जो मेरा पीरियड रहा है गार्डनिंग का मैंने भी यह महसूस किया है कि क्योंकि साइकोलॉजी यह है कि एक बार आप गए दुकान या नर्सरी एक बार लेके आए कहने में बड़ा आसान है कि सूख

जाए दो पौधे तो लेके आ जाओ तीन लेके और ऑर्गेनिक में क्या है कि आपके कम से कम 20 पर 30 पर पौधे कहीं ना कहीं डैमेज होते हैं अलग अलग स्टेजेस में या फूटिंग नहीं देंगे फ्लावरिंग नहीं देंगे और फिर आपका जाना बड़ा मुश्किल है यह मैंने देखा है

प्रैक्टिकल रूप से अा फिर नर्सरी जाएंगे फिर लेके आएंगे वो टल जाता है वो गेम तोय स्टेजेस ऐसी है कि आपको अलग अलग टाइम प सीडलिंग चाहिए और ये आपका फार्मूला में वाकई पूरी तरह से सपोर्ट करता हूं कोई बहुत महंगी चीज भी नहीं है सीडलिंग आप

रेगुलर तैयार करेंगे तो मुझे लगता है कि आपका गार्डन सब्जियों के पौधों से भरा रहेगा बिल्कुल ये 100% और शुरू कर देना चाहिए हफ्ते भर में चलो 10 डालो 20 डालो कल भी हम लोग चर्चा कर रहे थे हमारी साथी को फाउंडर है पूनम जी उनके साथ भी सीडलिंग

पर लंबी चर्चा हो रही थी कि किस प्रकार से रेगुलर सीडलिंग जरूरी है क्योंकि घर से कदम निकालना बाहर ये आदमी सोचेगा होगा और वो नहीं होता है एक लेवल प ठीक बात है मेरा ये कहना है कि बारबार सीडलिंग हम लोग क्यों लगाते रहे अगर हम थोड़ी जानकारी

के साथ में सीडलिंग लगाए एक सीट को जर्मिनेट होने के लिए टेंपरेचर चाहिए एक ऐसा भुरभुरा ग्रोइंग मीडियम चाहिए जिसके अंदर में एक वीक सीडलिंग की जो रूट्स है पेनिट्रेट कर सके ठीक है ना उसको थोड़ा सा जब एक बार बढ़ जाए तो न्यूट्रिशन चाहिए तो हमें बार-बार लगाने की जरूरत क्यों पड़े

अगर हम लोग इस ग्रुप में बैठ के हमारे जो एक्सपर्ट्स हैं संजय जयन जी जैसे एक्सपर्ट हैं आप बता र इतना कुछ करते हैं वो लोगों को ज्ञान दें कि भैया सीडलिंग जो है आप इस तरीके से लगाओगे तो 80 पर चांसेस है 70 पर चांसेस है 50 पर तो बार-बार क्यों लगाना

चाहिए हम लोग यहां प बैठे किसलिए अश जी विंद जी इतनी एक्सपर्ट है इतने सार सीडलिंग नर्सरी तैयार करती है इनको य बताना चाहिए खाली हम लोग यही बात करते रहे सीडलिंग लगा सीड ल क्यों हमें यह बात करनी चाहिए सीडलिंग कैसे लगाए और सीडलिंग कैसे तैयार होगी फिर क्या होगा जब सक्सेस

मिलेगी लोगों को तो उत्साह बढ़ेगा भाई आप संजय जैन जी कह रहे कि भया बारबार लगाते रहो बार बार लगाते रहो तो आपके गुरुजी से मैं सहमत नहीं हूं मैं गुरुजी से कहूंगा गुरुजी ये सिखाओ मुझे कि मैं सीडलिंग कैसे लगाऊ कि मेरी पहली बार में सक्सेस पहली

बार दूसरी तीसरी बार में तो सीख ही जाऊ ठीक है कांसेप्चुअल रूप से आपकी बात बिल्कुल सही है लेकिन उसमें समस्या क्या आती है ना कि हम कितना भी सिखा दे कि पानी में तैरा कैसे जाता है दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो कांसेप्ट में बताने से तैरना

सीख जाए बताने से वो जाएगा और डूब जाएगा इसी तरह से दुनिया का कोई भी काम चाहे गार्डनिंग हो गई चाहे क बता रहे नहीं मैं आपको क्या कहते हैं ना मैं आपको बाजू में दो बांध दूंगा क्या कहते तैरने वाला पहले उसके हटा के भी तैर जा ऐसी नहीं

है सिखाने का तरीका सिखाने का देखो तर्क तो अपनी जगह है तर्क तो हम लोग दिन भर कर सकते हैं तर्क नहीं करना चाहता मैं मेरा सिर्फ ये कहना था कि अगर आप इनपुट अगर किसी को सही दोगे एक बार में नहीं सीखेगा तैरना दूसरी बार सीखेगा तीसरी बार सीख

जाएगा उले पानी में डर नहीं लगेगा उस समय सीख जाएगा बाद में गहरे पानी में भेज देंगे कहने का मतलब ये है मेरा तो सडली उगा को बड़ी बात नहीं है सिडली तो आपका जो है उगी जाएगी हमें सिखाना पड़ेगा लोगों को इस पर थोड़ा ध्यान देना पड़ी

जो यह बार-बार उगाने और सीड्स की बात लगातार लगाने के लिए सिर्फ इतना हेल्पफुल है लोगों के लिए कि वो जो माइंड ब्लॉकेज है कि नहीं होता है नहीं उगता है फेल हो गया तो यह माइंड ब्लॉकेज हटाएगा कि तो बार-बार उगाओ फेल हो रहे हो तो और जब आप

इतने एक्सपर्ट हो जाओगे बारबार लगाने से तो आपको खुद वो रियल जो एक्सपीरियंस है ना वो आपको खुद आने लग जाएगा कि मैंने कब लगाया कैसे लगाया और मैंने वो तब जब हम बताएंगे कि ऐसे लगाओ तो बंदा पकड़ लेगा पहला तो पहले अटेंप्ट में हर एक जो बिगनर

होता है वो यही बोलता है हमसे तो उगता ही नहीं है हमसे तो लगता ही नहीं है हमारी तो पूरी नर्सरी बर्बाद हो गई तो ये उनके लिए स्टेटमेंट है टीचर बदल दो ऐसी बात है तो अपने टीचर बदल दो जी तो बस माइंड ब्लॉक घटाने के लिए है

ये मुझे लगता है कि एक सार्थक अप्रोच हुई और करत करत अभ्यास पे जड़मति होत सुजान ये वाली बात है और बहुत सारे लोग क्योंकि दिल्ली में एनसीआर में आप देखिए कि बालकनी है सबके पास डाटा क्या है डटा ये है कि आधा परसेंट प2 पर लोग भी नहीं करते हैं

वेजिटेबल गार्डनिंग एंड एवरी पर्सन इज एजुकेटेड और य प क्या अवेलेबल नहीं है इन डेप्थ में और क्या लोग नहीं देखते हैं पहला कदम बस बढ़ाने की दिक्कत है और उसमें प्रैक्टिकल अप्रोच यही है कि भाई करो प्रैक्टिस लगातार प्रैक्टिस करो और कोई बहुत महंगी चीज हो तो समझ में आए लेकिन 50

का जो संजय ने बात कही कि बड़ा प्रैक्टिकल है यार लेके आ जाओ उसमें 2000 3000 के बीज होते हैं 10 बीज फैला दो धनिया कितने का मिलेगा इतने का मिल जाएगा संजय जी मुझे लगता है कि उसको दो चार फैलाने में क्या दिक्कत है और य आप देखते हो बहुत बस

दिक्कत है कि पहला कदम आदमी आगे कैसे बढ़ाया मुझे लगता है कि उसमें आदमी को करना चाहिए मैं पूनम जी के पास आऊंगा कि एक बार विषय को समझ चुकी है एक बार वो कंक्लूजन में तो सब लोगों ने लाइसेंस दे दिया कि वहां तो 12 महीने की बजाय 24 महीने व

सीडलिंग होनी चाहिए गुम जी प्लीज म्यूट है म्यूट हैट है एक बार हटाइए छत्तीसगढ़ में मौसम सही इंटरनेट खराब है कनेक्शन नहीं आ ठीक है ठीक है तो इसम पर चर्चा हो रही है ना सर स्टेप जी ने बात कही बिल्कुल सही स्टेप आप भी चर्चा करते हैं हम लोग भी अलग

जगह पर चर्चा करते हैं यह कम्युनिटी में क्या है कि कम्युनिटी में जब भी एक चर्चा होती है कि कांसेप्ट ब्रेकिंग कांसेप्ट पर आदमी को क्लियर हो कि वाकई कितनी इंपोर्टेंट चीज है और एक बार में रिजल्ट लाना अगर कोई ऐसा एक्सपेक्ट करता है कृष्ण

भगवान ने तो मना ही किया है कि रिजल्ट मत सोचो और हम सभी उस चीज को मानते हैं जानते भी है क्योंकि उसम नतीजा क्या होता है ना कि एक बार में आप हार के बैठ जाओगे और आपका दिमाग जो पहले से नहीं करना चाहता आपको एक और बहाना मिल जाएगा यार मैंने

किया तो था नहीं हुआ लो अब आदमी जब सो ही जाएगा तो उसको कौन जगा आएगा ये एक चैलेंज है मैं थोड़ा सा ना अजय जी से थोड़ा सा मैं सहमत हूं कि हमें जो टॉपिक्स है उसको डिफाइन करना पड़ेगा अभी क्या है ना कि अभी

हम लोग उसी स्टेज में घूम रहे हैं कि बगैर टॉपिक के हम लोग आपस में बैठ के वो चर्चा कर रहे हैं हम लोग हर कंक्लूजन भी नहीं होता हम लोग क भी कहीं भी नहीं पहुंच रहे हैं अजय जी की जो बात है कि थोड़ा सा

डिफाइन करना पड़ेगा कि हम लोग कैसे आगे बढ़े क्याक टॉपिक ले क्या क्या सीखे क्याक सिखाए क्या क्या शेयर करें जैसे उन्होने एक बात बताई कि सेपलिंग आपकी जो है तो अगर वो चीज किसी को बताए तो फ्री का या दो रुप का लेने के लिए मैं तो दौड़ जाऊंगा मुझे

जहां भी पता चलेगा कि दोर की सप ई है मैं दौड़ता हुआ जाऊंगा तो वो अगर वो इंफॉर्मेशन मुझे मिलेगी तो मैं दौड़ता जाके हो सकता है लाके फिर गमले में भी लगा ल उसको फिर उसम दो चार फूल हो जाए दो चार टमाटर हो जाए दो चार भिंडी निकल जाए तो

मेरा उत्साह भी बढ़े अगली बार मैं फिर ज्यादा सेप लाऊ वो इस को थोड़ा ग्रुप को सार्थक बनाना है तो थोड़ा उस तर पढ़ना पड़ेगा आपने बिल्कुल सही कहा लास्ट के सेकंड बचे हैं अभी जल्दी 40 मिनट खत्म हो जाएगा तो पहले सभी का आभार और इसमें यह है

कि ये चर्चा ही जितनी चर्चा होगी सबका अपना व्यू पॉइंट आएगा यह अपने आप में लोगों को इनकरेज करेगा ऐसा मेरा भी मानना है और आप लोग भी सहमत होंगे सभी अपने धुरंधर है अपनी फील्ड के आज एक सीडलिंग पर चर्चा हुई उसमें डेप्थ गया और एक टॉपिक लगभग लग

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