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Welcome to our comprehensive guide on profitable capsicum farming, tailored for aspiring farmers and entrepreneurs in India. In this detailed video, we delve into the nuances of capsicum cultivation, exploring its potential as a profitable business venture, especially within the context of greenhouse or polyhouse farming.
Capsicum, also known as bell pepper or sweet pepper, is a versatile and high-value crop extensively cultivated worldwide. However, its cultivation in India has gained significant traction due to its increasing demand in domestic and international markets. With favorable climatic conditions and growing awareness about the health benefits of capsicum, the agricultural landscape in India offers ample opportunities for capsicum farming.
We begin our exploration by understanding the basics of capsicum farming, including its growth requirements, preferred soil conditions, and suitable climatic zones. Whether you’re in Telugu-speaking regions, like Andhra Pradesh or Telangana, or in Kannada-speaking areas like Karnataka, or even in states like Odisha, where farming practices may vary, our guide provides insights applicable to diverse geographical locations.
One of the key aspects we focus on is greenhouse farming, particularly the utilization of polyhouses for capsicum cultivation. Polyhouse farming offers several advantages, including controlled environmental conditions, protection from adverse weather, and enhanced yield quality. We discuss the process of setting up polyhouses, covering essential aspects such as construction, design considerations, and cost-effective methods.
For those interested in exploring niche markets and adding value to their produce, we delve into the realm of colored capsicum farming in polyhouses. Colored capsicums, including red, yellow, and orange varieties, command premium prices in both domestic and international markets. We provide insights into the cultivation techniques and market prospects for colored capsicums, empowering farmers to tap into this lucrative segment.
The profitability of capsicum farming is a central theme throughout our discussion. We analyze the economic viability of capsicum cultivation, considering factors such as input costs, market demand, and potential returns on investment. With prudent planning and efficient management practices, capsicum farming can emerge as a highly profitable business venture for both seasoned farmers and newcomers to the agricultural sector.
Moreover, we extend our discussion beyond farming techniques to explore the broader scope of profitable businesses in India. As we look ahead to 2024, the business landscape in India continues to evolve, presenting diverse opportunities across various sectors. Whether you’re considering agricultural ventures, exploring innovative business ideas, or seeking to leverage emerging trends, our guide offers valuable insights to steer you in the right direction.
Additionally, we address the relevance of polyhouse farming in urban settings, including rooftop and terrace gardens. Urban agriculture, facilitated by polyhouses, not only contributes to food security but also promotes sustainable living practices in densely populated areas. We discuss the process of setting up polyhouses on rooftops and terraces, highlighting their role in urban farming initiatives.
In collaboration with experts and practitioners in the field, our video provides practical advice, actionable tips, and real-world examples to guide you through the intricacies of capsicum farming and polyhouse cultivation. Whether you’re a farmer seeking to diversify your crop portfolio or an entrepreneur exploring new business opportunities, our guide equips you with the knowledge and resources to thrive in the dynamic agricultural landscape of India.
Join us on this journey as we unlock the potential of capsicum farming and delve into the world of profitable agriculture and business ventures in India. With determination, innovation, and strategic planning, you can turn your aspirations into reality and contribute to the growth and prosperity of India’s agricultural sector. Let’s cultivate success together!
0:00 Intro
1:40 How the Journey Begins
37:06 Capsicum farming online course
46:02 Polyhouse vs Net hous
आप इनकम टैक्स देते हो देश के पहले किसान जो इनकम टैक्स दे रहे हैं क्यों दे रहे हो और क्या प्रधान है अच्छा लगता है अच्छा लगता है अपने आप को अमीर फील होता है अच्छा सरकार को पैसे बेचते भाई ये देख लो हमारे स्टाफ को सारे तालियां बजा रहे हैं
सबसे बड़ा हाथ इसमें कांटेक्ट फार्मिंग का है कोई दिन ऐसा नहीं होता जिस दिन पा च लाख रप की स्वीट को ना जाती हो एक मोटा मोटी ओवरऑल एक मन में फूट सा रहा है 30 एकड़ में टर्नओवर कितना जा रहा है देख रहे हो शर्मा रहे
हैं राम राम भाइयों क्या हाल चाल साथियों आज हम आए हुए हैं हरियाणा सोनीपत के अंदर गांव मनौली में इस गांव की खासियत यह है कि यहां पर हर अगले किसान ने पॉली हाउस लगा रखा है और सभी बहुत ही अव्वल दर्जे की खेती कर रहे हैं इन्हीं सब जानकारियों के
लिए सबसे पहले आपको मिलवा हैं फार्म के मालिक से राम राम जी राम राम जी एक छोटा सा इंट्रोडक्शन दे देते जी मेरा नाम अरुण कुमार है मेरा गांव मनौली जिला सोनीपत हरियाणा और मेरी मेन जो खेती है वो प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन की है और प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के अंदर शिमला
मिर्च की खेती मैं ज्यादा लाइक करता हूं बहुत बढ़िया जी तो यही है जी आपका ये पॉली हाउस ये हमारा एंपरर है साम्य हमारा यही है तो आपने प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के अंदर यहां पे कितने पॉलीहाउस लगा रखे हैं मेरे पास टोटल चार पोली हाउस है और एक नेट हाउस
है एक नेट हाउस है हम यहां पे सभी लोग ज्यादातर शिमला मिर्ची की खेती कर रहे हैं और प्रोटेक्टिव के अंदर ही कर रहे हैं उसकी क्या खास वजह है देखो पोली हाउस के अंदर शिमला मिर्च की खेती सबसे फायदे का सौदा होती है ये एक तो लंबे समय के लिए
होती हैा जी एक हाई वैलिड क्रोप होती है ज ज्यादा कीमत होती है मुनाफा ज्यादा और लंबी खेती है अच्छा लंबे टाइम तक देती है प्रॉफिट मार्जिन अच्छे हैं और यहां की जमीन सूटेबल है शिमला मिर्ची की खेती के लिए तो आप की देखा देखी रीबन 253
लोगों ने आपसे इंस्पायर होके शिमला मिर्ची का मॉडल आपका रेप्ट कर रखा है तो आइए देखते हैं कि ये शिमला मिर्ची का क्या मॉडल है आओ तो भाई साहब आपके कितने एकड़ है कुल मिला के कितनी खेती हो रही है मेरे पास 30
एकड़ की जमीन है ो 30 एकड़ कुल मिला के आप खेती कर रहे हैं और ये प्रोटेक्टिव आपके पास चार एकड़ में है चार एकड़ में अच्छा जी आप मेनली यहां पे लाल पीली शिमला मिर्च की खेती कर यह खेती की शुरुआत कैसे हुई उस परे आने से
पहले मैं आपके बारे में जानना चाहूंगा कि आपने पढ़ाई लिखाई कैसे करी और आप खेती बचपन से करते आ रहे थे या आपने बाद में इसको प्रोफेशनली उठाया वैसे तो एग्रीकल्चर हमारी दादा लाई खेती है अच्छा जी बट पिताजी ने बोला कि आप हैना खेती नहीं करनी
आपको इंजीनियर बनना है अच्छा जी तो मैंने इंजीनियरिंग की थी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ये किस साल आपने कंप्लीट करी जी जी 88 में 88 का हमारा बैस था 91 में हमने कंप्लीट करी थी 91 में आपने इंजीनियरिंग कंप्लीट करी कहां से कंजावला पॉलीटेक्निक से कंझावला पॉलीटेक्निक से उसके बाद मैंने सर्विस की
कम से कम चार साल सर्विस की गुडगांव के अंदर अच्छा चा साल की सर्विस के बाद मैंने 4 साल और बाहर काम किया अच्छा जी उसके बाद मैं खेती में आया बाहर कहां कैसा काम था जी मेरा प्रॉपर्टी डीलिंग का काम था जी प्रॉपर्टी डीलिंग का काम था फिर ये ठ साल
आपने काम करने के बाद खेती में आने का आपका क्या विचार बना कैसे हुआ ये घर की सिचुएशन के हिसाब से पिताजी एक्सपायर हो गए थे अच्छा तो खेती करनी पड़ी मुझे ओ क 30 एकड़ की जमीन थी तो जमीन को भी संभालना जरूरी था अच्छा तो आप शहर दिल्ली का सब
छोड़ छाड़ के फिर अपने गांव मनली वापस आए और फिर आपने खेती चालू करी जी जब आप यहां आए तब यहां पे पॉलीहाउस वगैरह नहीं होगा कोई भी कुछ भी नहीं था जी यहां पे गेहूं दान की खेती होती थी उस टाइम पे डीजल फूता
था डीजल इंजन थे हम तो थक थक थक थक पूरे दिन ऐसे करते रहते थे पानी की सिचाई के लिए हा और किसानों की सिचुएशन ये थी कि गांव में ज्यादातर कच्चे मकान थे उस टाइम पे अच्छा और लोगों ने 2002 से पहले तो चेक
चेक नहीं देखा था चेक क्या होता है हम जब मैं खेती में आया तो मैंने पहले देखा सिचुएशन देखी कि हर किसान के ऊपर इतना कर्जा था कि गहूं के पैसे दान में और दान के पैसे गहूं में लग जाते थे अपने लिए कुछ नहीं बता था कर्जा उतारने में ही निकल रहा
है सारा कर्जा उतारने में निकल रहा था ह तो मैंने पूरी रीडिंग करने के बाद ये वो कयास लगाया कि भाई धान गव में कुछ नहीं होने वाला कुछ नया करेंगे तो कुछ होगा अच्छा तो इसलिए 2002 के अंदर हमने एक यहां पर एक कंपनी थी एवर फ्राइस के नाम से
अच्छा जी तो उसके लिए मैंने कांटेक्ट फार्मिंग की स्वीट कॉर्न की स्वीट कॉर्न की आपने कांट्रैक्ट फार्मिंग करी जी फिर वहां से आप शिमला मिर्ची प कैसे आए स्वीट कॉर्न में सक्सेस लगने के में लग गए जी चा साल अच्छा चा साल के अंदर हम पूरे सेट हो
गए तो हमारी स्वीट कॉर्न की एक सेट फसल हो गई अच्छा वो कांटेक्ट फार्मिंग चलती रही उसके बाद उसी कंपनी से पूछा और कुछ लगाना है हम तो उन्होने कहा भा शिमला मिर्च लगा दो हमारे लिए अच्छा तो उन्होंने शिमला मिर्च की खेती कराई ह हम उसके बाद अगले दो
साल के बाद फिर ब्रोकली लगाई हम फिर हमने अगले दो साल के बाद बींस की खेती की अच्छा जी इसी तरह से हर दूसरे तीसरे साल हम एक नई क्रोप लेते आए फिर आपने अल्टीमेटली शिमला मिर्च प कब स्थर हुए आप 2008 के अंदर हमने ड्रीप इरिगेशन लगवाया
अपने खेतों में अच्छा जी तो डप इरिगेशन हमारी क्रॉप 20 पर ट ज्यादा आनी शुरू हो गी तो पहले हमने 2008 के अंदर डीप इरिगेशन की अच्छा और 2011 के अंदर हमने पोली हाउस लगाया ठीक है तो पोली हाउस के अंदर शुरू शुरू में हमने लिलियम की क्रॉप की थी
लिलियम क अच्छा जी तो फूलो की खेती करने के बाद फिर नेक्स्ट ईयर हमने ना कैप्सिकम प आ गए अच्छा तो वैसे तो बदलते रहते हैं हम कभी कैप्सिकम कभी कुकुंबर पर मेरी जो फेवरेट क्रॉप है वो कैप्सिकम की है उसका मेन कारण क्या है मेन रीजन ये है कि एक तो
ये लंबे समय तक चलती रहती है जी सबसे फायदे का सौदा होती है अच्छा और उपज ज्यादा है इसकी उपज ज्यादा है पैसे भी ज्यादा है इसमें इसमें मुनाफा भी ज्यादा है ज्यादा टाइम के लिए हार्वेस्ट होती है तो आपको इसमें अच्छा मुनाफा आ रहा है तो
इसलिए आपकी ये फे और फि कैप्सिकम के अंदर हमारी एक्सपर्टीज हो गई एक्सपर्टीज भी हो गई सही बात है मास्टर हो गए हम इसके बहुत बढ़िया तो यह आप 2008 में जब ड्रिप लगवाए थे तब एक एकड़ में लगवाए थे ना नहीं चार एकड़ में लगाए शुरू में तब आपने
स्टार्टिंग में चार एकड़ में लगा स्टार्टिंग में चार एकड़ में लगाया चार एकड़ के अंदर हमने रिज के ऊपर ब्रोकली की थी और कैप्सिकम रिज माने कि रेज्ड बेड हां बे बेड पर ठीक है तो आपने उसमें 4 एकड़ में ड्रिप लगाई क्या खर्चा आ गया था जी
हेक्टेयर का था जी 1 हेक्टेयर के अंदर 0000 की टोटल लागत थी उसमें 00 2008 में एक हेक्टेयर की ड्रिप की कॉस्ट आई थी इस पर यह सब्सिडी भी मिली थी कोई 90 पर सब्सिडी थी उस तो यह 90 सब्सिडी के बाद था ये 90 के बाद टोटल कॉस्ट थी
00 उस से किसान को देने पड़ते थे कुल ही 00 अच्छा तो 90 पर सब्सिडी थी उसके बाद आपको 00 देने हैं मात्र आज के टाइम प कोई ड्रिप लगवाना चाहे किसान भाई या बहन तो कितना खर्चा आ जाता है पर एकड़ का ड्रिप
का अब करीब करीब 000 एक एकड़ प आएगा अच्छा जी तो उसम 85 पर सब्सिडी गवर्नमेंट की है हरियाणा सरकार के द्वारा 85 पर अभी भी दी जा रही जा रही है ये सब्सिडी वगैरह लेने में कोई ज्यादा समस्या तो नहीं आती कोई समस्या नहीं आती जी हरियाणा गवर्नमेंट तो
बहुत ज्यादा प्रमोट कर रही है इस चीज को अच्छा तो लगवा सकते हैं और इससे आपने पहले ही साल के अंदर 20 पर प्रोडक्शन में फायदा ले लिया था उससे आपकी यील्ड बढ़ गई थी इतनी ल्ड बढी जी कि उससे अगले साल मैंने पूरे अपने पूरे 30 के 30 एकड़ में 30 के
एकड़ में क्या हमारे जो जो फ्रेंडली सर्कल था ना कम से कम 200 एकड़ में ड्रिप इरिगेशन किया था 2009 में मतलब आपने 200 एकड़ के अंदर ड्रिप लगवा दी थी आप इतने इससे इंप्रेस्ड हो गए थे उस समय हमने क्या किया अपने अपने जैसी खोजी
बंदे इकट्ठे कर लिए और उसमें अलग-अलग खेती करनी शुरू कर दी जैसे तीन चार लोग कर दि जिनका इंटरेस्ट था टमाटर के अंदर तो वो टमाटर पैदा करने शुरू कर दिए किसी ने कैप्सिकम पे आ ग कोई कुकुंबर करने लगा कोई मतलब अलग-अलग क्रोप पैदा करने लगे हम तो
हमने जिस कंपनी से कांटेक्ट किया था उसको एक क्रोप के कांटेक्ट नहीं होता था हमा चार पांच क्रोप जाती थी उसके आपको ये अच्छा फायदा मिल गया कि लाइक माइंडेड आपके जैसे मानसिकता के आपके किसान भाई आपके साथ जुड़ गए और जहां एक अकेला बंदा अपने खेत
में एडवर्ड एक्सपेरिमेंट कर रहा है वहीं पर ही 25 30 50 लोग यहां पर एक साथ अलग-अलग फसलों के एक्सपेरिमेंट कर रहे थे जिसकी वजह से सबको बहुत अच्छा फायदा हो गया और आज के टाइम पे हरियाणा का सबसे अमीर गांव में से एक मनली माना जाता है जो
आप घर की बात बता रहे थे हम भी आते हुए देख रहे थे पहले होंगे कच्चे मकान आज तो किसी भी घर में मुझे मार्बल से कम कुछ दिखाई पड़ा नहीं मार्बल तो दूर की चीज है जी आजकल हर गांव में हर घर के अंदर दो-दो
गाड़ियां खड़ी है अच्छा सबके दु मजले छड़े हुए हैं और सबके घरों में पैसे आते हैं रोज की डेली पहले छ महीने में 10 दिन पैसे आते थे ह हम अब 10 दिन ऐसे होते े जब पैसे नाते हो बाकी आपका साल भर कंटीन्यूअस आपकी प्रोडक्शन आ रती है और अच्छ पैसा अभी
स्वीट कॉर्न है हमारे यहां पे स्वीट कॉर्न की खेती में हम 11 महीने क्रॉप करते हैं 11 महीने आउटपुट लेते हैं 11 महीने स्वीट कॉर्न की फसल आउटपुट आउटपुट ले रहे हैं लगातार प्रोडक्शन हमारे गांव के अंदर कोई दिन ऐसा नहीं होता है जिस दिन पा च लाख की
स्वीट को ना जाती हो क्या बात है साथियों मैं आपको पहले ही बताना चाहूंगा यह वीडियो होगी लंबी और इसीलिए बनेंगे दो-तीन पार्ट तो आप सब्सक्राइब कर लो और नोटिफिकेशन की बेल घंटी दबा दो ताकि जब हम लिया उसके बाद स्वीट कॉर्न में जाए और भी जो तीन-चार
कमाल की फसलें कर रखी है वो दिखाएं तब आपको वो वीडियो पता लग जाए youtube2 ही तो कहीं ना कहीं खेती के अंदर बहुत भारी घाटा भी है और बहुत ही ज्यादा पैसा भी है आपके ऊपर वो निर्भर करता है कि आप खेती को किस हिसाब से देखते हैं आप खेती को ट्रेडिशनल
ढंग से देखेंगे घाटे का सौदा देखेंगे वही चीजें करते रहेंगे जो होती आ रही है तो वही घाटा खाते रहेंगे जो खाते आ रहे हैं इनके हिसाब से प्रोग्रेसिव ढंग से आप नए-नए एक्सपेरिमेंट करेंगे लाइक माइंडेड लोगों को जोड़ेंगे एफपीओ वगैरह बनाएंगे सरकार से सब्सिडी वगैरह जो मिल रही है वो
लेंगे कंपनियों से कांट्रैक्ट फार्मिंग की जानकारी करेंगे जहां रप बचते हैं वो बचाने की कोशिश करेंगे तो आप और आपका पूरा का पूरा गांव मात्र 15 साल की बात है ये 15 साल का 15 साल की बात है सारे मिट्टी के मकानों से आज मार्बल से भी महंगे मकानों
में आ चुके हैं और सारा यह सिर्फ शिमला मिर्ची की खेती की वजह से ही है मेनली सबसे बड़ा हाथ इसम कांटेक्ट फार्मिंग का है जी हमें ने मार्केट शोर हो गया हमारी कि हमें इतने पैसे तो एक कर में बचने वाले बाकी हमारी मेहनत के ऊपर डिपेंड है कि हम
कितनी मेहनत कर रहे हैं इसका एक बहुत बढ़िया उदाहरण है कि जैसे कांटेक्ट फार्म करते थे हम तो हमारे को ऑर्डर मिला कि आप बकली हमें चाहिए अच्छा कंपनी ने आर्डर दे दिया ये किस साल की बातें हो रही है ये है जी 2006 की अच्छा जी 2006 की बात है तो
हमने पूरा सर्वे किया सर्वे में ब्रोकली की ल्ड निकल के आई 35 क्विंटल पर एकड़ अच्छा हमने अपने पूरे जोरो सोरो से खाद वगैरह डाल के और ब्रोकली की खेती की ठीक है 10 किलो का कांटेक्ट था ₹1 किलो आपका क्विंटल का उस टाइम प 35 400 हज प्र एकड़
की आमनी होती थी आमदनी मतलब टोटल जो पैदावार होती थी 35 400 हज की होती थी ठीक है एक एक करते हां जी ग्रुप का कमाल है हमारे यहां एक बैठक बनी हुई है किसानों की बैठक मा उसको जी तो वहां पर डिस्कस करते हैं डेली भाई आज ये खाद डाल देंगे आज
कूड़े का खाद करर के मैंने ये जुताई कर दी फिर अगले अगले दिन दूसरे भी भाग रहे कि भाई खेत में बढ़िया तरह से खाद के डाल के शीर वगैरह लगा दिया हमने अच्छा जी उसकी ड आ गई जी 70 क्विंटल प्लस आपके सर्वे में
आई 35 क्विंटल 35 क्विंटल सभी की आती थी हा हमारी अपनी मेहनत से वो 70 क्विंटल प्लस चली गई और रेट आपका मिल रखा था 10 किलो तो उस टाइम प 700 की कीमत अच्छी होती थी 700 2006 के अंदर आज के टाइम के करीब दोढाई लाख है दोढाई लाख तो हमारी क्रोब
0000 प्लस की गई और और उसम जो कांटेक्ट किया हुआ था ना व उनका पहले ही जैसे उन्होंने 15 एकड़ लगवाए थे तो 10 एकड़ में उनके पूर्ति हो गई जो इंडेंट था बाकी पाच एकड़ हमारे बैलेंस रह गए बैलेंस रह गए तो उन्होंने खरीदे या नहीं खरीदे हमने पूरी ड
उठा दी वहां पे इंटरनेट प भी डलवा दिया जो फौजी कैंटीन है उसम भी गए पर व पाच एकड़ हमारे खपे नहीं इतनी प्रोडक्शन हो ऐसे ही खड़े रहे जी उसके बाद क्या हुआ कि भगवान को देने थे उस साल पैसे अ तूफान आ गया ओले पड़ ग जी जितने
यहां पे जम्मू कश्मीर जदा इंश्योरेंस मिल ग और मार उसके एक लाख प्लस हुए जी अच्छा जो ई बिक वो राम जी ने बराबर कर राम जी ने बराबर कर द तो भगवान को जब देना होता तो छपर पाट के देता है और जब भगवान को नहीं
देना होता हम आपको अभी फटे हुए पोलियो भी दिखाएंगे और उनके बारे में बताए वो छप्पर फड़ के फिर ले भी लेता है ये बिजनेस है इसका असूल कुछ ऐसा ही है इंश्योरेंस का आप बता रहे थे सबसे पहले तो मैं दो बातें करना चाहूंगा एक तो मेन बॉटल नेक जो हर
किसान को आता है और आपने अभी खुद ही एक्नॉलेज करा कि मेन आपका फायदा इस खेती में इसलिए हो पाया क्योंकि कांट्रैक्ट फार्मिंग आ गई जिसका एक तरीके से हम कह सकते हैं अशड मार्केट मिल गई आपको मंडी के धक्के नहीं खाने पड़ रहे घर बैठे आपका
उगाने से पहले मार्केट का आपको पता लग रहा है जिससे आप कैलकुलेशन कर पाए आप देख पाए कि यहां हां भाई लाख डेढ लाख दो लाख एक एकड़ में बच र है तब आपने वो किया हम तो ये मार्केट आप नहीं हो पाया पांच एकड़ आपका तो उसमें आप बहुत ज्यादा फंस जाते
हैं अगर ओले नहीं आते तो ऐसे के अंदर क्या रहता है कांट्रैक्ट फार्मिंग में कि अगर फसल जितनी बोलेंगे उतनी खरीदनी ही पड़ेगी या वो बैक ऑफ भी कर जाते हैं हां उस उसका कांट्रैक्ट यही होता है कि भाई इतनी क्रॉप लेंगे हम एक एकड़ से 35 क्विंटल हम लेंगे
अच्छा और 15 एकड़ के हिसाब से उन्होने कैलकुलेट करके अच्छा और वो उन्होंने ले लिया अपना जो उन्होंने कमिटमेंट की थी वो ले आपकी प्रोडक्शन ज्यादा हो गई तो अब उसमें वो क्या कर कितने टाइम में पेमेंट रिलीज हो जाती है अब तो डेली आती है जी
मतलब जैसे कि आज आपकी तुड़वाई हो गई आपने कहा मेरी कल तुड़वाई हुई है जैसे कल तुड़वाई है आज आपकी कल तुड़वाई हुई है ना आज कल आपकी इस पॉली हाउस में कितनी तुड़वाई हुई है मतलब क्विंटल में हां आठ क्विंटल आठ क्विंटल तुड़वाई हुई है और
क्या रेट मिला 0 किलो 0 किलो आपको मिला तो वो चेक आपको हाथ के हाथ मिल गया जो भीगा आज आ जाएगा बके एक दिन के अंदर ही आपको जक से आपके खाते में आ गया वो तो अपने ऊपर डिपेंड है हम पैसे आरती के पास छोड़ रहे
हैं कि अपने बैंक में डाल दे सीधे अच्छा हा पर बिकने के बाद है ना हमारी वो इनकम पूरी है मतलब पेमेंट पा जाती है पूरे बिजनेस मॉडल प और कैसे शिमला मिर्च होती है इस पर तो बहुत डिटेल में अभी हम बात चालू करेंगे बट एक आईडिया के लिए अगर मैं
पूछना चाहूं 8 क्विंटल आपका इस पॉलीहाउस से टूटा जी 800 किलो हो गया 800 किलो आपका 0 के हिसाब से कितना बन गया जी करीब करीब 96000 हो गया 9 लाख रुप आपके आ गए तो ये कितने दिन बाद तुड़वाई आप यहां कर रहे हैं
अब तो एक हफ्ते में एक हो रही है अच्छा सर्दी होने की वजह से सर्दी जैसे जैसे सर्दी बढ़ेगी तो 15 दिन में टूटनी शुरू हो जाएगी अच्छा अच्छा डाइनिंग कम होती है अच्छा जैसे गर्मी होगी बीच में गर्मी होगी तो जल्दी टूट जाएगी तो इस पैच की
प्रोडक्शन कब से चालू हो रखी है इसकी चौथी क्रॉप है जी चौथी थड़ाई हुई है अभी तो अभी नवंबर से चालू हुई है हां नवंबर से अच्छा ठीक है तो एप्रोक्सीमेटली हफ्ते में एक तुड़वाई हो रही है एक पॉलीस में से आपको चा एक लाख र हर महीने के आ रहे हैं
एप्रोक्सीमेटली जो आपका सेल हो रहा है मैंने वा वो करते शुरुआत में ज्यादा आएंगे फिर बीच से कम आएंगे फिर ज्यादा आएंगे अच्छा तो टोटल 10 12 लाख रप की हमारी हो सकती है इस ठीक है चलो अभी बिजनेस मॉडल प इनकम प बात करेंगे पहले ये समझते हैं
हमारी ये लाल पीली शिमला मिर्च है इसमें हरी शिमला मिर्च भी आती है आप लाल पीली शिमला मिर्च ही क्यों करते हैं देखो प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के अंदर हम नॉर्मल कैप्सिकम नहीं करते अच्छा जी ये पथरा कोर्प सीड होते हैं ये उसकी क्या विशेषता है इसकी सेल्फ पोलिनेटेड होते है एक तो
अच्छा जी और ये जो कलर चेंज करते हैं प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के अंदर ही करती है अच्छा तो सेल्फ पोलिनेटेड का मतलब ये हो गया कि इसमें आपको बाहर से पोलिनेशन की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ेगी एक ही पौधे के अंदर मेल और फीमेल पार्ट है वो वहीं पर ही
पॉलिनेट हो जाता है इसीलिए ये पॉलीहाउस या प्रोटेक्टिव कल्ट वेशन जैसे कि नेट हाउस हो गया पॉली हाउस हो गया उसके अंदर बड़े आराम से हो जाती है लाल पीली आप हरे के मुकाबले ज्यादा रुपए मिलने की वजह से ज्यादा मार्केट प्राइस होने की वजह से लाल
पीली शिमला मिर्च आप करते हैं वैसे मैं आपको बता दूं कि ये जो लाल पीली बोल रहे हैं हम स्वीट पेपर बोलते हैं इसको शिमला मिर्च तो देसी भाषा में शिमला मिर्च बोलते ते शिमला मिर्च का साइज है ये शिमला मिर्च होती है सब्जियां सब्जी जो कैप्सिकम जो
हां कैप्सिकम जो ओपन में होती है इसे बोलते हैं स्वीट पेपर स्वीट पेपर मी या बेल पेपर भी बैल पेपर तो ये सलाद है इसकी सब्जी नहीं बनती आपका अभी ₹10 किलो मंडी का रेट चल रहा है और ये अभी थोड़ा लोअर साइड में ही है रेट एक तरीके से हां वो
थोड़ा अब डाउन सा दियो की सा दियों के ऊपर डिपेंड करता है कभी पिछले साल तो 50 किलो तक भी गई है 50 किलो 1 किलो लाल पीली बेल पेपर कुछ भी नाम ले लो 50 किलो दे दो हमने क्या फर्क पड़ना है तो शिमला मिर्च जो है
सब्जी वाली हरी वाली जो कैप्सिकम है उसका क्या रेट जा रहा है इन कंपर टू जब ये 50 थी वो 80 किलो थी अच्छा और अभी ये 0 है और तो वो 20 है 20 है तो यानी कि पांच छ गुना से ज्यादा प्राइस आपको लाल पीली शिमला
मिर्च बेल पेपर में मिल रहा है 2011 में आपने पहला पॉलीहाउस लगाया था एक एकड़ के अंदर ही हिसाब से लगता है ये क्या डायमेंशन रहती है 4000 स्क्वा मीटर का एक पोलिव सकता है जो एक लगा तो हम आध कड़ का भी लेंगे हा वो कोई फाइनल नहीं है कि एक
ही एकड़ का एकड़ लगा लेते अच्छा ढाई एकड़ का एक पॉलीस भी लग जाता है एक बीगे का भी लग जाता है वो किसान जो है ना जो साइंटिफिक तरीके से अगर हम करें तो एक एकड़ का या आधा एकड़ का बेस्ट रहता है क्योंकि इसके अंदर वेंटिलेशन की जरूरत पड़ती है क्रॉस
वेंटिलेशन नहीं होगा तो जैसे सेंटर में टेंपरेचर कुछ होगा साइड में कुछ होगा तो ज्यादा वेरिएशन आती है तो क्या साइज ऑप्टिमम रहता है 4000 स्क्वा मीटर 4000 स् मी एक एकड़ का जो हिसाब वाला हिस्सा है 4000 स् स् मीटर वो बिल्कुल परफेक्ट है तो
2011 में इसकी क्या कॉस्टिंग आ गई थी आपको लगाने की 2011 में इसकी आई थी 475000 टोटल कोस्ट थी 475000 एक एकड़ के पॉली हाउस की उसमें 65 पर हमें सब्सिडी मिली थी तो आपकी जेब से कितना मूलधन लगा करीब करीब 12 लाख रप 12
लाख रप में आपने एक पॉलीस बनाया था फिर आपने कुल मिला के कितने पॉलीहाउस लगा लिए थे जी उस टाइम प तो जी दो साल तो हमने एक ही रखा फिर दो साल के बाद हमने ज इसके पैसे पूरे हुए तो हमने अगले लगाने शुरू कर
दिए तो एक पॉलीहाउस लगाया उसके मुनाफे से आपने दो साल बाद ही दूसरा पॉलीहाउस लगा दिया करते करते कितने लगा लिए फिर मैंने सात लगा लिए थे जी सात लगा लिए थे पर अभी है तीन ही चार चार चार है लेकिन उसम पॉलीहाउस पिछली बार एक बाउंडर आ गया था
यहां पे उखाड़ दिया उन्होंने अच्छा स्टॉर्म आ गया था प्रॉब्लम्स पे बात करेंगे लास्ट में अब और रुका ना जारा अब बताना चालू करो इसकी क्या प्रोसीजर रहता है शिमला मिर्च या बेल पेपर को अपने खेत में करना चाहे तो इसके अंदर प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के अंदर हम हर शुरू से करें तो
हम इसको ना पहले जमीन का ट्रीटमेंट करते हैं सोलराइजेशन से तो शिमला मिर्च लगाने का सबसे पहला स्टेप है हमारा सोलराइजेशन का सोलराइजेशन बेसिकली होता यह है कि जब मई जून जुलाई ये जो तीन महीने सबसे ज्यादा भयंकर गर्मी के होते है जब 45 डिग्री तक
चले जाता है बाहर का टेंपरेचर तब यही जो ऊपर आप पन्नी देख रहे हैं पॉलीहाउस के अंदर लगी हुई ट्रांसपेरेंट पन्नी जो है उसी की पतली वाली एक पनी आती है स्पेशल जो 20 माइक्रोन की होती है उस पन्नी को बिछाने से पहले ड्रिप लगा दी जाती है जमीन
के अंदर और फिर पन्नी डाल दी जाती है और पानी छोड़ दिया जाता है पानी छूटते ही भभक बनती है जमीन से गर्मी निकलती है और वो गर्मी जो होती है वो पन्नी के नीचे जमीन में ट्रैप हो जाती है और 80 डिग्री तक का टेंपरेचर हमारा जमीन का हो जाता है उससे
होता यह है कि जितने भी कीड़े हैं अभी रह गए थे वो सारे मर जाते हैं कुछ बेनिफिशियल बैक्टीरिया भी मर जाते होंगे इसमें लेकिन फिर भी यह सोलराइजेशन का एक बहुत ही इंपॉर्टेंट स्टेप है जो 99 पर ऑफ द फार्मर किसान नहीं करते हैं सही कह रहे
हैं जी सोलराइजेशन एकदम शुरू में हमारे साथ यही हुआ कि हमने नहीं किया उसके अंदर है ना यहां इसके अंदर बहुत सारी प्रॉब्लम क्रिएट होई अगले साल क्रॉप 50 हुई और लागत दुगनी आ गई अच्छा क्योंकि स्प्रे वगैरह में खर्चा बढ़ गया जी जी जी जी तो इसके
बाद हमारा जी स्टेप टू क्या रहता है इसमें जैसे हम सोलराइजेशन इधर सोलराइजेशन करते उधर पोद तैयार होने के लिए दे देते हैं पत कहां तैयार होने देते हैं ये गवर्नमेंट ने कंट्रोल कंडीशन के पॉलीहाउस लगाए हुए है जो ये इंडो एल रि सटर कर गंडा का अच्छा अब
तो प्राइवेट बहुत लोग बच्चों ने लगा लिया हमने भी लगा लिया जी जी जी आपकी भी एक पॉलीस हमने देखा छोटा सिर्फ नर्सरी का कर वहां भी आपको अभी लेके जाएंगे तो वहां प पौध डाल देते ढ़ महीने 50 दिन लगते हैं पोत तैयार होने में और 50 ही दिन लगते हैं
सोलराइजेशन में अच्छा तो सोलराइजेशन के साथ ही आपका स्टेप टू चालू हो जाता है जिसमें आप नर्सरी का ऑर्डर लगा देते हैं अब अलग-अलग जगह लगा सकते हैं आप नर्सरी खुद भी तैयार कर सकते हैं वो हम बाद में दिखाएंगे आप सरकारी इंस्टिट्यूट जैसे कि घरौंदा जो हमारा हरियाणा के अंदर एक
गवर्नमेंट का रिसर्च सेंटर है वहां पर एक रप लेते हैं पयोद का वो अब ₹ 40 पैसे है अब 0 पैसा होगा पर सीडलिंग इसमें आप को बीच खुद लेक जाना होता है अपना और वो आपको पयोद बना के दे देते हैं अब तो किसानों को
एक्सपीरियंस हो गया जी अपना लगा रहे सब बहुत अच्छी बात है तो आप वहां से परचेस कर सकते हैं ये सरकार से हमने जो पयोद ली उसमें ₹ 40 पैसा तो प का कॉस्ट आ गया और बीच का क्या कॉस्टिंग आती है करीब करब ₹ का सीड आता है एक एक बीज एक
बीज एक बीज ₹ का है तो यह बीज आपका ₹ का एक आता है प्लस आपका ढ़ ही मान ले हम लम समम करके वो आपकी पत की कॉस्ट पड़ जाती है आपका आने जाने का कुछ हो गया तो न नहीं तो ₹10 मान लो एक 85 सीड तैयार करने के हो
जाते हैं और 50 पैसे सीड लाने में ट्रांसपोर्ट का ट्रांसफ तक ₹10 का खर्चा आ जाता है जी ट्रांसप्लांट तक ₹10 का खर्चा आ जाता है और खुद पयोद बना रहे हो तो कितनी कॉस्टिंग आ रही है उसके अंदर 20 पर कम हो जाएगी बस इसके बाद हमारा स्टेप थ्री क्या
रहेगा इसमें जो बेसल डोज डाल के बैड निकाल देते हैं अच्छा और बैड निकाल के ट्रांसप्लांट कर देते हैं जो इसके न्यूट्रिएंट की रिक्वायरमेंट है अब आप ऑर्गेनिक ढंग से कर रहे हैं उस हिसाब से बेसल डोज जाएगा आप कन्वेंशनल ढंग से कर रहे हैं तो उस हिसाब से माइक्रो मैक्रो
न्यूट्रिएंट्स की पूर्ति होगी इस टॉपिक में कि न्यूट्रिएंट्स की क्या खासियत है कि इसमें क्या न्यूट्रिएंट लगता है बहुत सारी ऑलरेडी मैं पहले ही वीडियो ला चुका हूं तो हमने बेसल डोस कर दिया ये इस हिसाब से ये बेड बना दी बेड में हमारी एक बेड से
दूसरी बेड की दूरी कितनी है 80 सेंटीमीटर का बेड होगा 80 सेंटीमीटर का पाथ होगा फिर 80 सेंटीमीटर का बैड होगा एक बात मेरे को और बहुत अच्छी लगी कि मैनेजमेंट ए1 बोलूंगा मैं हर एक नाली के अंदर एक खरपतवार नहीं दिख रही है कोई भी ऐसा नीचे पौधा नहीं है जिसमें प्रूनिंग
ट्रिमिपरामाइन दबा दोगे दो बार मत दबा देना वो अनलाइक हो जाता है चलो हमने बेड बना दी उसके बाद हम इसमें ड्रिप लगाएंगे जी जी ड्रिप लगा दी बेसल डोज दे दी फिर हमने इस पे ट्रांसप्लांट करना है ट्रांसप्लांट करते हुए कोई विशेष ध्यान रखना होता है क्या एक तो पौधे से
पौधे की दूरी और लाइन से लाइन की दूरी का ध्यान रखते हैं पौधे से पौधा और लाइन से लाइन क्या रहेगी हमारी एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 50 सेंटीमीटर 50 सेंटीमीटर कि हर पौधे को अपने ग्रोथ के लिए जगह चाहिए हवा आने की जगह चाहिए जहां
पर घोट बनने लगी वहीं पर ही आपकी इंफेक्शन बीमारियां आनी चालू हो जाएंगी बेसिकली जमीन तैयार करने का हमारा अभी तक का क्या खर्चा आ गया जैसे कल्टीवेट होगा रूटा वेटर होगा फिर रिज वाले से आप बेड बनाएंगे फिर ड्रिप बिछाने में आप लेबर लगाएंगे एक बेड
का 50 का इसका ये बनाने का ड्रिप बिछाने का और ट्रांसप्लांट करने का अच्छा पूरा खर्चा तो आपने जो न की पयोद ली उस एक बेड बनाने का खर्चा आ जाएगा 50 50 के एप्रोक्सीमेटली कितनी बेड है यहां टोटल इसके अंदर है जी 45 बेड है 45 बेड है और
एक बेड की लंबाई कितनी है 56 मीटर 56 मीटर तो ऐसी 45 बेड हो गई और 56 मीटर की एक बेड है एक बेड में कितने पौधे लग जाते हैं करीब-करीब 200 के करीब लग जाते हैं 200 के करीब पौधे लग जाते हैं और 200 पौधों का
लैंड प्रिपरेशन लगाने का ड्रिप का खर्चा मात्र 50 है कुल मिला के इस हिसाब से आप कैलकुलेट कर सकते हैं 200 * 45 9 10000 के करीब एक एकड़ में ये जो एक एकड़ का पॉलीहाउस है 4000 स्वा मीटर का इसमें आपके पौधे आएंगे तो आप अगर खरीदने जा रहे हैं
तो आप 10000 के करीब सेपलिंग ले सकते हैं क्योंकि ट्रांसप्लांट करते हुए कुछ मरते भी होंगे कुछ मोटिलिटी भी आती है गर्मी होती है उस टाइम पे कुछ ना कुछ दिक्कत आती है अा तो जी इसके बाद हमारा स्टेप फोर क्या आ जाएगा हमने लगा दी पौध हमारी जम गई
इसमें इरिगेशन क्या रहेगा क्या स्टेप आगे आएंगे शुरू में पहले 20 दिन हम इरिगेशन में पानी पानी देते हैं वो भी हड़का अच्छा जैसे हमने ट्रांसप्लांट कर दी पयोद लगा दी हमने 50 सेंटीमीटर प अपनी तो उसके अंदर डेंसिंग चलेगी हमारी मैनुअली मैनली हाथ से पानी दिया जाएगा हाथ से पानी दिया जाएगा
बहुत ही कम मात्रा में पर्टिकुलर मात्रा और पर्टिकुलर दवाई अच्छा तो ये ड्रिप लगाने के बाद भी आप ड्रिप नहीं चलाओगे पहले के 20 दिन पहले ड्रिप नहीं चलेगा हलकी न दे लेंगे पूरे बैड को एक बार नमी दे देंगे उसके बाद ड्रिप नहीं चलाएंगे 20 दिन तक 20 दिन तक
ड्रिप नहीं चलेगी हां मान लो हम एक सिस्टम है साइंटिफिक रीजन है मान लो हमने सीडलिंग लगा दिया पानी देते रहे तो उसको जरूरत पड़ी नहीं जड़ है ना वहीं की वहीं बैठी रहेगी उसकी अच्छा जैसे वो प्यासी होगी तो इधर उधर भागेगी ना अच्छा दूर तक फैले गी
हम तो हम उसको ड्राई करते रहेंगे करते रहेंगे 20 दिन तक हम पूरा पानी नहीं देंगे ताकि जड़े और जाए जड़े और जाए ये बेसिकली गाजर और मूली में भी करते हैं कि उनकी जड़े लंबे हो तो पानी कम देते हैं और देते भी है तो नीचे से देते हैं एक बार आपको
मैं ये और बता दूं ड्रेंच बेसिकली होता ये है कि जो हमारा पानी वाला सिस्टम है जो हमारी स्प्रे होती है उसके आगे की टूटी खोल दी जाती है और फिर उससे पौधे के पास में पानी दिया जाता है उसमें लेबर का खर्चा आता होगा बिल्कुल आता है जी कुल
मिला के एक लम समम हम बोले तुड़वाई से पहले तक हमने जो ₹ कैलकुलेट कर लिया हमारी पौध लगाने तक का इसके बाद हमारा लेबर में और कहां क मेन खर्चा आता है तुड़वाई से पहले तक का नई गुड़ाई डेंसिंग प्रूनिंग ठीक है कटिंग सारे आते
हैं तो ड्रेंच में हमारा एक लेबर कितना एकड़ कर देता है कितना हिसाब बैठता है एक एकड़ में चार आदमी पूरे खेत में रेंज कर देते हैं एक दिन के अंदर तो दिहाड़ी 400 चल रही है 00 00 है यहां बहुत ही बढ़िया मेल की फीमेल की अच्छा फीमेल ज्यादा काम
करती है य फीमेल ज्यादा काम करती है और मेल की 400 ही होगी मेल भी सेम इसी रेंज में जाता है अच्छा यहां के मेल थोड़े कैसे हैं अच्छे फीमेल ज्यादा अच्छी है फीमेल ज्यादा हमेशा ही अच्छी होती है कहने का मतलब ज्यादा वर्किंग है देखो जी पहले 20 दिन हम
दो या तीन रेंज करते हैं अच्छा हर तीसरे दिन भी करते हैं वो सिचुएशन देखते हैं कि बीमारी तो कोई नहीं आ रही है बिल्कुल कई बार बहुत ज्यादा गर्मी हो जाती है पौधे ना सो जाते हैं हम ज्यादा गर्मी से सो जाएंगे ज्यादा पानी से भी सो जाएंगे पत्ता
मुरझा जाता है वेल्टिंग आ जाती है तो अलग-अलग तरह की सिचुएशन देख के उ उस टाइम प तो आईसीयू होता है पोलि आईसीयू आईसीयू की तरह से हर पौधे के ना निरीक्षण होता रहता हैक कि भाई इसमें क्या प्रॉब्लम है और इसको क्या चाहिए ठीक है ये आपने तीन
बार ड्रेंच कर ली तो हमारे 00 आ गए हां जी 00 हमारा पहले के 20 दिन इसका एडिशनल कॉस्ट आ गया लेबर का जो ड्रेंच पानी देगी हाथ से उसका इसके बाद हमारा फिर क्या केयर आएगी क्या स्टेप फाइव है उसके बाद हम इरिगेशन फर्टिगेशन शुरू करते हैं
फर्टिगेशन ठीक है जी फर्टिगेशन शुरू करते हैं और उसके 15 दिन के बाद इसकी प्रूनिंग शुरू हो जाती है अच्छा फर्टिगेशन में दो टाइप से हम इसमें खुराक देते हैं एक तो जमीन तैयार करते हुए उसे बेसल डोज बोलते हैं उसे बेसल डोज बोलते हैं वो तो बेड
तैयार करने से पहले हो जाती है और उसके बाद हम इसका थ्रू आउट द सीजन जो जो इसमें कमी आएगी नाइट्रोजन पोटेशियम गोबर की खाद एक्स वाई जड न्यूट्रिशन में इसका कितना खर्चा आ जाता है 10000 पौधे यानी कि एक एकड़ का बेल पेपर का डिपेंड करता है बट एप्रोक्सीमेट मैं
मीडियम बताता हूं डेढ लाख के करीब हमारा दवाई और खाद का खर्चा जाता दवाई और खाद का खर्चा आ जाता है ढ लाख और तकरीबन ₹ लाख र हमारा आ गया था बीज का जो पयोद का था ये सारी कैलकुलेशन हम आपको बड़ी मेहनत करके
एक एक लिख के भी दिखाते हैं और अगर आपको हमारे एफर्ट्स पसंद आते हैं तो कर लो सब्सक्राइब आपका कुछ नहीं आता लिटरली फ्री है लाइक भी कर दो यह हमने लगा लिया इसके बाद मेजर हमारा काम रहता है इसको टांगने का हां स्टैकिंग बोलते हैं इसको इसको
स्टैकिंग जो बोलते हैं स्टैकिंग है हम इसको वर्टिकली ऊपर बढ़ा रहे हैं इसमें सिर्फ बांधने बांधने का खर्चा रहता है वो कितना आ जाता है लेबर का करीब करब 151000 आ जाता है 15 16000 हमारा इसको बांधने का आता है बाकी निराई गुड़ाई और हमने
फर्टिगेशन का तो ₹ लाख में कैलकुलेट कर ही लिया था इसको बांधते हुए कुछ ध्यान रखना है कि झटका ना है या क्या क्या कुछ ध्यान रख हा इसको थोड़ा लूज छोड़ते हुए और मेन तने को पहले लपेट हैं अच्छा उसके बाद एक पौधे के अंदर तीन धागे लिपटे हुए हैं तीन
धागे ठीक है मेन मेन जो तनाव वो एक है फिर बाद में स्पोर्टिंग आ जाता है अच्छा इसमें कितने टाइम तक ये ग्रोथ हो जाती है इसकी पूरी कि कब हार्वेस्ट देने लग जाएगा ये 90 दिन के बाद 90 दिन के बाद ट्रांसप्लांट से जिस दिन ट्रांसप्लांट की उससे 90 दिन के
बाद हार्वेस्टिंग होगी इसका न महीने बाद ठीक है मेन लगाने का टाइम क्या है आप इसकी पत किस मौसम में कब कब खेती करते हैं इसकी अगेती होती है सीजन की होती है पछेती होती है मोस्टली हमने एक टाइम डिसाइड किया हुआ है 10 अगस्त से 20 अगस्त के बीच में हम
इसको ट्रांसप्लांट करते हैं 10 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक जब बाहर मौसम 35 40 भी जा रहा होता है अंदर 45 होता है अंदर 45 होता है शिमला मिर्ची ठंड की फसल होती है बट 45 डिग्री ये ग्रोइंग स्टेज पर सह लेती है सह लेती है बट इसकी एक खासियत है कि
जैसे जैसे ग्रो करेगी ठंड बढ़ती जाएगी ठंड चाहिए ठंड की तरफ को जा बिल्कुल गर्मी से ठंड की तरफ को गर्मी होगी तो इसमें फ्रूट की क्वालिटी और फ्लावरिंग में कमी आ जाती है तो आप इसको 10 अगस्त में 10 अगस्त में से 15 अगस्त तक इसकी ये सारी कारवाई होती
है 15 अगस्त भी हमने मान लिया या 10 अगस्त मान लिया तो तीन महीने आपका अगस्त सितंबर अक्टूबर नवंबर 15 नवंबर से इसकी पहली हार्वेस्टिंग चालू हो जाती है जी अब तक आप इसमें से फिर चार पांच बार तुड़ाई ले चुके होंगे चार बार 25 दिन के अंदर कितनी
हार्वेस्टिंग आ चुकी है कल आपकी लास्ट 40 40 क्विंटल के आसपास इसकी आ चुकी है पिछले साल का डाटा देखें तो कितनी कुल मिलाकर प्रोडक्शन आ जाती है यानी कि ये कब तक प्रोडक्शन देता रहेगा इस हिसाब से टोटल एवरेज प्रोडक्शन हमारी यहां पे 250 क्विंटल तक आती है इसकी 250
क्विंटल यानी कि 25000 किलो प्रोडक्शन आ जाती है 15 नवंबर से शुरुआत होती हार्वेस्टिंग कब तक तुड़ाई होती रहती है मई तक मई तक तुड़ाई होती रहती है जब गर्मियां होंगी तो हर चार दिन तीन दिन दो दिन में तोड़ाई होती रहेगी जब नवंबर दिसंबर जनवरी की ज्यादा कड़ाके की ठंड
होती है तो इसमें हार्वेस्टिंग 15-15 दिन बाद होती है क्योंकि फूल बनने की और फ्रूट के साइज बढ़ने में ज्यादा टाइम लेता है ठंड के अंदर सही कह रहे हैं जी जी जी बिलकुल तो कुल मिला के लेकिन आपका 250 टन 250 क्विंटल माल निकल आता है हाईएस्ट आपने
कितना अचीव कर रखा है इसमें देखो जी 350 क्विंटल तक निकली हुई है 350 क्विंटल हम एक एकड़ से एक एकड़ से जो आप एक स्टेप लगातार चलता रहता है वो होता है प्रूनिंग आपने दो तीन मेंशन भी किया है प्रूनिंग का मतलब एक तरीके से कटाई होती है पत्तों की
हम यहां पर देख भी रहे हैं अभी रिसेंटली यहां पत्ते कटे हुए भी है प्रूनिंग का क्या कांसेप्ट है क्यों जरूरी है क्या ध्यान रखना है करते हुए किस मौसम में करना होता है एक्चुअल में जो कैप्सिकम का पौदा ना अगर उसकी प्रोनिंग ना करे तो उससे से
अलग अलग ब्रांच निकलेगी यूं फैलने लग जाएगा फैल जाएगा झाड़ी बन जाएगी झाड़ी की तरह बुश की तरह बु बुशी पौदा हो जाएगा जी तो हमें बुसी नहीं चाहिए हमको वेंटिलेशन भी चाहिए हवा बड़ भी लगनी चाहिए फ्लोरिंग चाहि इतनी फ्लावरिंग चाहिए कि वो स्टैक हो
जाए अच्छा वरना टूट के नीचे पड़ जाएगा बिल्कुल तो उसके लिए हम उसको प्रूनिंग करते हैं अगर प्रूनिंग आप कम कर रहे हो तो आपको गैप बढ़ाना पड़ेगा प्लांट टू प्लांट का यहां पे जो 50 सेंटीमीटर कर रखा है एक पौधे से दूसरे पौधे में उसको बढ़ाना
पड़ेगा ये हाई डेंसिटी जो कर रहे हैं इसके लिए प्रोनिंग करना मस्ट है इसमें हवा का संचालन होता रहता है हवा जाएगी कीड़े ज्यादा नहीं पन पेंगे स्प्रे तरीके से लग पाएगा तुड़वाई बढ़िया से हो पाएगी ओवरऑल नीट एंड टाडी भी लगा रहता है तो प्रूनिंग
मस्त स्टेप है जो हमारा ये सातवा और आठवा स्टेप है यही है इसके अंदर जी हां जी यही है प्रूनिंग के अंदर भी कोई बहुत ज्यादा खर्चा तो आता नहीं होगा पुनि का खर्चा है जी चार आदमी परमानेंट एक एकड़ में लगे रहेंगे वो हार्वेस्ट में भी काम आती होगी
फ हार्वेस्टिंग में काम करते है तो आपके पास परमानेंट लेबर यहां कितनी है 30 एकड़ के लिए जिसमें चार एकड़ आपने शिमला मिर्च लगा रखी है मेरे पास ऑन एन एवरेज 16 ले रहती है ऑन एवरेज आपके पास 16 परमानेंट लेबर है और फिर आप उसके अलावा दिहाड़ी के
लेके आते हैं ड़ी के भी ले कुल मिला के लेबर लेबर प फिर कितना खर्चा कर रहे हैं पूरे साल भर की एवरेज आती है 14 लाख की लाख र आप लेबर पर खर्चा कर रहे हो बड़ी-बड़ी कंपनियां जो अच्छा पैसा कमा रही है वह भी इतना रोजगार नहीं देती है
जितना यहां पर हर पॉली हाउस का मालिक गांव को और कहां-कहां से लोग आ रखे हैं बिहार से भी आ रखे हैं बेचारे यूपी से आ रखे हैं उनको यहां इतना रोजगार दे रखा है एक मोटा मोटी ओवरऑल एक मन में फूट सा रहा है 30 एकड़ में टर्नओवर कितना जा रहा है
देख रहे हो शर्मा रहे हैं साल के ऊपर डिपेंड करता है 50 लाख से लेके 80 लाख तक चला जाता है 50 लाख से लेकर 80 लाख तक का चला जाता है कभी मंडी का भाव कम हो गया तो कम हो जाएगा कभी मौसम अनुकूल नहीं रहा तो कम हो जाएगा बिजनेस
में य ये टर्नओवर बताया मैंने टर्नओवर हा इनकम नहीं है बिल्कुल अभी खर्चा कैलकुलेट कर रहे हैं ना इसलिए तो 14 लाख उसम से तो लेबर का खर्चा हो गया आपका उसके अलावा और आपका जैसे मेंटेनेंस हो गई % खर्चा मान लो % खर्चा हो जाता है
मतलब ये है कि 30 40 लाख के बीच में मेन सूखा सूखा प्रॉफिट है जिस परे कोई इनकम टैक्स नहीं है मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि मैं कंपेयर कर रहा इनकम टैक्स देता हूं मैं आप इनकम टैक्स देते हो देश के पहले किसान जो इनकम टैक्स दे रहे हैं
क्यों दे रहे हो और क्या प्रधान है अच्छा लगता है अच्छा लगता है अपने आपको अमीर फील होता है अच्छा सरकार को पैसे बेचते भाई ये देख लो हमारे स्टाफ को सारे तालिया जा रहे हैं 30 40 लाख अगर ले ले तो ती लाख हर
महीने के हो गए हम और ती लाख की नौकरी 001 पर इंडियंस को मिलती है जो बहुत ही लकली अच्छी कंपनी में लगे रहते हैं और 20 साल तक काम वहीं करते रहते तब इतनी सैलरी पहुंचती है हां अगर यहां का लड़का है 22 साल 20 साल 18 साल कॉलेज कंप्लीट किया कले
स्कूल कंप्लीट गया आपकी छत्रछाया में आके सीख के कर रहा है बहुत सारे बच्चे आते हैं ही होंगे तो वो नौकरी से कई गुना ज्यादा कमा लेंगे आने वाले 5 साल के अंदर ही बिल्कुल फ्यूचर यही है साथियों अगर आप खेती सही से सीखना चाहते हैं तो अब आप
हमारे एग्रो बिजनेस कोर्सेस जवाइन कर सकते हैं हमारे ऑर्गेनिक एकड इंस्टीट्यूट में वर्मी कंपोस्टिंग ऑर्गेनिक फार्मिंग वेजिटेबल प्रोडक्शन के साथ-साथ मधुमक्खी पालन और मार्केटिंग की बहुत ही वर्ल्ड क्लास लेवल की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और उन लोगों के लिए जो हमारे फार्म पे नहीं आ सकते ऑनलाइन क्लासेस दी जाती है सभी
कोर्सेस को कंप्लीट करने के बाद आपको सर्टिफिकेट भी मिलेगा और जब आप हमारे फार्म पर आएंगे तो रहने और खाने की भी बहुत अच्छी आपको यहां पर व्यवस्था मिलेगी इन कोर्सेस की अधिक जानकारी डिस्क्रिप्शन में और वीडियो के आखिर में दी गई है तो अभी के लिए चलिए वीडियो में आगे बढ़ते हैं
पिछले साल की हम बात कर रहे थे क्योंकि अभी तो इसका सीजन चालू हुआ है हमने मंडी के अंदर ये सारा आपने माल निकाला कुल मिला के पिछले साल एक पॉलीहाउस की कितनी प्रोडक्शन आई थी 200 प्लस थी 200 प्लस थी कोई खास बीमारी वगैरह कुछ नहीं आई नहीं
पिछले साल कम आई प्रोडक्शन क्योंकि कम आई आपने 250 एप्रोक्सीमेट आ भी जाती है 250 क्विंटल 50 क्विंटल कम क्यों रह गए क्या खास वजह थी कहां कमी रह गई देखो मौसम के ऊपर डिपेंड करता है हर साल का मौसम एक सान रहता है जैसे पिछले साल पोल्यूशन ज्यादा
था 15 दिन तक पूरे ूब नहीं निकली सूरज नहीं दिखा तो जो नई नई वो लगी है ना शिमला बच लगर वो टूट के नीचे पड़ अच्छा फ्लावर सेटिंग में दिक्कत आ गई फ्लावर ड्रॉपिंग फ्लावर ड्रॉपिंग हो गई तो इससे थोड़ी आपकी करीबन 20 पर प्रोडक्शन कम आई पिछले साल
प्रोडक्शन कम आई ठीक है क्या मार्केट का रेट आपको मिल पाया जो चल रहा था मार्केटिंग प्रोडक्शन कम थी इसलिए रेट ज्यादा थी अच्छा तो प्रोडक्शन आपकी कम थी जाहिर सी बात है मौसम साथ नहीं दिया इसलिए बाकियों की भी कम रही होगी इसी वजह से रेट
अच्छा था रेट अ क्या एवरेज रेट गया और हाईएस्ट कितना गया एवरेज रेट 100 केजी एवरेज गया आपका नवंबर से लेकर मई तक तक हास्ट किस समय गया और कितना गया 50 किलो तक गया और सयो सीजन था इ दिनों में यही जो सर्दियों का चलता है ठीक है और
पिछले साल शाद भी ज्यादा थी अच्छा तो डिमांड बनी रही पिछले साल हरी सिमला मिर्च का रेट तक चला गया था अच्छा जैसे हरी मिर्च का रेट ज्यादा होता है ना तो बंगलोर में या कुछ लोग जो किसान है जैसे नेट हाउस है ग्रीन में निकाल देते हैं अच्छा तो
ग्रीन में निकालने के बाद वो जो कलर कैप्सिकम को ग्रीन में निकाल दिया अच्छा उस टाइम प डिमांड कम मतलब खपत ज्यादा रही और जो वो है प्रोडक्शन वो कम हो ग एक इंपॉर्टेंट जानकारी मैं आपको देना भूल गया कोई भी कलर्ड कैप्सिकम जो करता है उसको ये
ध्यान रखना होता है कि जब भी शिमला मिर्च आएगी पहले हरे रंग में ही आएगी उसके बाद दो हफ्ते के अंदर तकरीबन वो अपना कलर लेती है अगर पीले का बीज है तो फिर येलो रंग की हो जाएगी और लाल का है तो रेड रंग की हो
जाएगी जब मंडी में हरी शिमला मिर्च का ही रेट ₹1 चला गया तो लोगों ने 15 दिन इंतजार नहीं किया और लाल पीली शिमला मिर्च वाले भी हरी शिमला मिर्च को ही बेच दिए जिसकी वजह से लाल पीली शिमला मिर्च 50 किलो मंडी में थोप का बेचने का भाव चला गया खरीदने
का तो शायद 500 तक चला गया होगा हम तो ये आपने यहां से 50 आप बोल रहे हैं ये कितने टाइम तक का फेस था मतलब ये तो नहीं है कि एक ही बार का था हफ्ता 10 दिन कुछ रेट अच्छा रहा है डे डेढ़ महीने तक अच्छा रेट
रहा डेढ़ एक महीने तक अच्छा रेट रहा था तो कुल मिला के पिछले साल कितने रुपए आपको आए हो गई थी इससे यानी कि टर्नओवर कितना चला गया था डेढ़ गुना ज्यादा इनकम हो गई थी डेढ़ गुना ज्यादा हो 20 लाख तक की इनकम
चली गई थी एक पॉलीहाउस से 20 लाख र एक पॉलीहाउस से शिमला मिर्च की सेल हो रखी है आपकी सेल हो रखी है अच्छा उसमें आपका खर्चा हमने कैलकुलेट करा था न च लाख के करीब 4 लाख प्लस 4 लाख के तकरीबन तकरीबन खर्चा हो रखा था तो 15 16 17 लाख हर
अलग-अलग पॉलिस के हिसाब से इनकी आमदनी हुई थी चार एकड़ में लगा रखा था तो आप कैलकुलेट कर सकते हैं 15 के हिसाब से भी 4 लाख रप 50 लाख रप के बीच में सिर्फ पॉली हाउस के अंदर जो य शिमला मिर्च कर रखी है
उससे मुनाफा हुआ था इसके बाद घाटा भी हुआ वह इस साल हो गया अब उसकी भी बता दो क्योंकि आपको आईडिया पूरा होना चाहिए भाई यह मत बोलना कि 29 अप्रैल मई 29 मई के आसपास एक बंडर आया य अच्छा और सेंट यही था यहां का उसने पूरे पॉलीहाउस को इकट बिकट
कर दिया तीन पॉलीहाउस तो बिल्कुल डैमेज कर दिया उन्होने जो आपके सात पॉलीहाउस थे वो चार ही रह गए तो ये कुछ इंश्योरेंस वगैरह कुछ नहीं कर रखी होती कि ऐसे में इंश्योरेंस इसीलिए करवाते हैं आपने करवा रखी है बहुत क बहुत कम कंपनी है जो
इंश्योरेंस करती है अच्छा जी और वो भी है ना इंश्योरेंस को पूरा नहीं करती अच्छा आपको पैसे वापस नहीं एक्सपीरियंस अच्छा नहीं रहा आप एक्सपीरियंस अच्छा नहीं अब जरूरत भी नहीं है इंश्योरेंस की हम अपने आप रिपेयर कर लेते हैं इसको अच्छा तो इंश्योरेंस का फिर प्रीमियम क्यों देना है
इतना प्रीमियम देने के बाद भी प्रीमियम रॉयल्टी मिलती नहीं है हां तो वही तो कह र ज प्रीमियम क्यों भरे फिर आप इंश्योरेंस अगली साल करवाएंगे या फिर आप इंश्योरेंस नहीं करवाएंगे अब कराएंगे फिर भी कराएंगे इंश्योरेंस तो कराएंगे ये गवर्नमेंट का लाभ हैट ने वो क पोली
हाउस का प्रीम मतलब इंश्योरेंस कराना है आपको ज अच्छा जैसे गाड़ी के अंदर मैंडेटरी होता है पॉलीहाउस के अंदर आपको इंश्योरेंस करवाना ही पड़ेगा मैं बैंक से बैंक सेड ले रहा हू बैंक से लोन ले रहा हूं इ जरूर होना है ये क्या बात हुई अगर खराब हो गया
तो पैसे मिल नहीं रहे और इंश्योरेंस करवाना पड़ेगा ही ये तो भाई चित भी इनकी पट भी इनकी हा ये तो गंदा काम लग रहा है मेरे को थोड़ा ये तो चीटिंग सी लग रही है मेरे को करीब करीब चीटिंग ही है अच्छा वैसे पहली बार एक्सीडेंट हुआ है ऐसा
भाई एक एक पॉली 15 15 20 20 लाख का बन रहा है तो 40 लाख का हां 40 लाख का बन रहा है अपनी जेब से 20 लाख भी ल तो आप समझ लो ना मतलब तीन करहे तो आपका 60 लाख का नुकसान हो गया जीरो हो गया और अगर वो इंश्योरेंस
में नहीं मिला आपको तो वो तो आपके ऊपर ही आ गया सारा आपने यह सब्सिडी ली थी स्टार्टिंग में क्या आप अभी भी सब्सिडी ले रहे हैं गवर्नमेंट का लाभ है कि वन टाइम हम इसका प्रफ वो ले सकते हैं अच्छा एक बार में एक
आदमी एक राशन कार्ड प एक बार सब्सिडी ले सकता पॉलीहाउस अच्छा तो आपको अगर चार पॉलीहाउस लगवाने है तो चार राशन कार्ड करेंगे चार पॉलीहाउस चार राशन कार्ड लगे तो इसमें अगर आप अपने खर्चे प करते हैं तो ये सब झंझट की कोई जरूरत नहीं है ये शिमला
मिर्च की जो खेती है इसके लिए मिट्टी पानी क्या चाहिए जैसे कि ईसी होता है टीडीएस होता है पीएच होता है क्या इसकी रिक्वायरमेंट है इसके अंदर जो एक तो है ना दोमट मिट्टी ज्यादा बढ़िया रहती है दोमट मिट्टी जो ज्यादा चिकड़ी ना हो और ज्यादा
भुरभुरी भी ना हो जो रेतीली है वो मिट्टी भी नहीं चलेगी बेसिकली आपकी लोम सोइल जिसे बोलते हैं लोम सॉइल मि चलेगी जो यहां पे है और बेड भी बना रखे हैं तो और ज्यादा नरम मिट्टी हो जाती है अभी हाथ डालते आप देख सकते हैं मिट्टी हाथ में आ गई पीएच
इसका साढ़े तक होना चाहिए 75 पीए इससे ऊपर नहीं होना चाहिए तो बेसिकली पानी मीठा होना चाहिए खारा पानी बिल्कुल नहीं चलेगा जागा पानी मतलब खराब ी ज्यादा है जिस तो वहां प तो आरो लगाना पड़ेगा बिल्कुल तो ये है कि आपको पता होना चाहिए कि आपकी मिट्टी
वगैरह कैसी है तो इसके लिए सबसे पहले आप मिट्टी और पानी की जांच जरूर करवा ले जो सोइल हेल्थ कार्ड स्कीम के अंदर आप मुफ्त में कृषि जन केंद्र से करवा सकते हैं तो भाई साहब एक आपने नेट हाउस लगा रखा है तो ये नेट हाउस और यह पोली हाउस में क्या
मेजर फर्क है और शिमला मिर्च की खेती के लिए क्या सूटेबल है कांसेप्ट ही अलग है पहली बात तो अच्छा जी पॉलीहाउस में पोली सीट होती है ठीक है उसके अंदर आप बारिश का पानी और गर्मी से थोड़ी प्रोटेक्शन भी रहती है ठीक है पॉली हाउस में यस अच्छा
नेट हाउस के अंदर नेचुरल नेचुरल ज्यादा रहता है र इंसेक्ट नेट है ये अच्छा अंदर जाने से रुकता है बाकी इसके अंदर नेट होता है ये शेड नेट है शेड नेट है तो बेसिकली यह इंसेक्ट नेट लगा रखा है और अंदर शेड नेट है उसमें पॉली हाउस है पली थीन लगा रख
और अंदर शेड नेट है शड नेट है ठीक है तो मान लो जैसे बारिश होगी बारिश के टाइम में पोली हाउस के अंदर आप क्रॉप लगा दोगे नेट हाउस के अंदर आप बारिश में क्रॉप नहीं लगा पाएंगे तो ये पॉली हाउस अरल टोटली पानी अंदर जा रहा है इसमें तो बारिश का पानी
रुकेगा नहीं एक पर्टिकुलर शैड रहती है इसके अंदर शैडो रहती है हम पॉलीहाउस के अंदर शैडो कम रहती है क्योंकि डायरेक्ट डूब जाती है अच्छा इसमें इसके इसके अंदर नेट की शैडो रहेगी अच्छा तो इसका बिल्कुल ही टाइमिंग अलग है जो इस इसको समझने वाली
बात है पोली हाउस के अंदर जो क्रॉप है वो जिस उसम डलते है जिस टाइमिंग प डल है और नेट हाउस के अंदर जिस टाइम में उस टाइमिंग का बहुत फर्क है क्योंकि इसके अंदर ठंडा ज्यादा रहेगा ठंडा भी ज्यादा रहेगा शैडो भी परमानेंट है इसकी ह हम अंदर हम तो
प्रोटेक्शन इसके अंदर केवल इंसेक्ट की है इंसेक्ट की प्रोटेक्शन है बस वो फुली प्रोटेक्टिव है अच्छा जहां ज्यादा बरसात होती है वहां के लिए आप रिकमेंड नहीं करेंगे देखो बरसात के अंदर इसके हर चीज का सोल्यूशन है हम जहां प्रॉब्लम है सोल्यूशन वही है हम हम लोग वग क्या करते हैं इसको
थोड़ा ऊंचे पे लगाते हैं नेट को अच्छा और इसके अंदर स्लोप डाल देते हैं अ और एक साइड पे एक साइड पे ना गड्ढा बना के मोटर रख देते हैं वहां पे जैसे बारिश हुई मोटर से बाहर पानी फेंक देते हैं अच्छा तो बेसिकली इसमें जमीन तैयार करते समय पे ही
डाल देना जमीन जब तैयार करते हैं उसी टाइम पे हम इसको मल्च कर देते हैं हम ताकि मिट्टी ज्यादा गिली ना हो कई बार लंबी वो हो जाती है क्रोप का टाइम निकल जाता है हम हम और बारिश रुकती नहीं उस टाइम पे दिक्कत
होती है बुवाई के टाइम पे भी जो पॉली हाउस है उसके अंदर आपकी बुआई अगस्त में होगी इसकी बुआई के लिए जमीन की तैयारी आपको बारिश से पहले मई में करनी पड़ेगी क्योंकि बारिश में तो चल नहीं सकता पॉलीहाउस में आपकी एक बूंद अंदर ना टपके गी बस आप बरसात
हो कुछ आपको फर्क नहीं पड़ेगा यही प्लस पॉइंट है इसमें जैसे कि हार्वेस्ट के लिए तैयार है सामान लेबर आ रही है और बारिश में बरसने लग गया तो इसमें नहीं काम हो पाएगा रुक जाएगा पॉलीहाउस में काम चलता रहेगा आपका अब जैसे सर्दी पड़ेगी उसके अंदर थोड़ा टेंपरेचर मेंटेन हो जाएगा इसके
अंदर जो क्रोप मान लो खड़ी है ना तो कैप्सिकम तैयार नहीं होनेग ठंड ज्यादा रहेगी सेडो परमानेंट है इसके अंदर दूध भी जाएगी पाला भी जाएगा अच्छा तो ये आपको पाले से भी कोई बचाव नहीं करेगा तो सर्दियों में इसमें क्रॉप फे का भी चांस
बढ़ जाता है फेलियर नहीं ब लंबी चली जाएगी राइनिंग की तरफ कम जाएगी तो इसमें सर्दियों में पाले के लिए जैसे हमारे यहां पर तो पानी लगा देते हैं या फिर सल्फर का स्प्रे कर देते हैं ये स होता है इस इसमें भी पाले से बचाव के लिए क्याक करते हैं
सल्फर वगैरह का स्प्रे करते हैं अच्छा ऊपर सेड नेट सेड नेट को फैला देंगे रात को तो डार्ट फड़ा नहीं पड़ता इस तो आप क्या सलाह देंगे कि नेट हाउस में करना चाहिए या पॉली हाउस में क्योंकि पॉली हाउस से कंप टिली 10 एक लाख रप कम में बन जाता है हमारा 10
लाख कम में बनता है और इसकी जो मेंटेनेंस है हम वो बहुत कम है बजाय पोली हाउस के अगर पोली हाउस के अंदर आंधी आती है सीट पड़ती है तो बहुत ज्यादा खर्चा आता है इसको नॉर्मल किसान भी लगा के इससे प्रॉफिट ले सकता है अच्छा प्रॉफिटेबिलिटी
में केवल है ना ये सोच ले 20 20 2 पर का फर्क है यानी 20 2 पर पॉली हाउस के अंदर ज्यादा क्रॉप होती है ज्यादा पैसा आता है 20 2 पर इसमें कम है कम बट हां जब मेंटेनेंस का होता है तो उसमें इससे चार गुनी है मेंटेनेंस पॉलीहाउस में चार गुना
है पर कुछ और उसके साथ-साथ नुकसान हो गया पन्नी फटने का तो एक बार पन्नी फट जाए आई थिंक 4 लाख से कम का खर्चा नहीं हो तो वहां से वहां पे य यह 21 हो जाएगा अच्छा तो इसके अंदर मेंटेनेंस करना आसान है प्लस
कभी कहीं से फट गया जैसे यहां से भी हम देख सकते हैं यहां से आपका पार्ट लिया था तो यहां पे आपने रफू कर दिया रफू कर दिया पीसी लगा तो इस मामले में मेंटेन करना आसान है पन्नी में इतना सा भी कहीं आ गया
तो वो पूरी पन्नी वो पड़ती है ना एक जगह से पड़नी शुरू होगी तो पूरी पड़ जाएगी अगर सही टाइम प मेंटेन ना हो तो आपने ये लगाया किस पर्पस से हुआ है जब पॉली हाउस में ज्यादा प्रोडक्शन है एक्सपेरिमेंट के तौर प लगा रखा है अभी शुरू में है ना
गवर्नमेंट का रूल था कि एक नेट एक पोली हाउस लगा सकते थे एक राशन कार्ड एक राशन कार्ड प एक नेट और एक पोली तो आपने दोनों लगा लिए देखते दोनों इसलिए लगा लिए एक पोलीस उतना टाइमिंग देना दो प भी और चार प और छ प भी टाइमिंग सेम है काम करना
मजदूरों को है हमारी काम हमारा काम है दिखा रेखी करना एक पोलस प भी इतना ही टाइम लगेगा मेरा और चार प भी इतना ही टाइम लगेगा तो साथियों उम्मीद करते हैं कि आज की वीडियो आपको पसंद आई हो तो लाल रंग का ये जो सब्सक्राइब का बटन है इसको दबाओ
और लाइक करो मौज मजे में खेलते जाओ जल्दी मिलते हैं एक और ऐसे ही बहुत ही कमाल के फार्म पर तब तक के लिए ख्याल रखिएगा जय हिंद जय जवान जय किसान राम r
20 Comments
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I think the figures of turnover are not accurate
Because unka 1 polyhouse 25 tons kr rha hai and if we take 100rs avg rate toh 25 lacs toh ek polyhouse ka turnover hai aise unke 4 hai toh 1cr toh 4 polyhouse ka hee hogaya aur baaki ke 26 acre ka alag!
Please let me know what i am missing here?
Nice video. Full of information, Nice presentation and graphics too.❤
Nice sir😮😮😮😅
कांट्रैक्ट फार्मिंग का इंप्लीमेंट नहीं कर पाई इसलिए हर किसान कांट्रैक्ट फार्मिंग वंचित हो गया
किसान और आंदोलन के कारण यह संभव नहीं हो पाया
जय श्री राम 🎉
Sab jhoot hai
Apka add send kare me bhi khety traning karana chahata hu 40:48
बहुत ही बढ़िया से सब डिटेल से समझाया आपने भाई जी….सदा खुश रहो
Isi contact farming ka Punjab ke khaali kisan virodh kar re the
Nice video Bhai g aap video making ke cost bhout jaida h
Good information dear
Sonipat ko Delhi ka laabh hai ,,koi vi sabzi ho,,,aur khi nhi bikti
10:23 sec spelling of organic is wrong
Even after this much friendly environment available and ability to earn this much through farming, fucking farmers wants more MSP, pension, loan waiver, free electricity, water, subsidies and what not.
Farmers like these and who earns profit more than 10 lakhs per year and not paying taxes are biggest looters of India.
This type of farmers have no right to protest and complain against government policies.
Can u please name the company with which they have contracts
Plz upload ur own firm video,I like ur firm very much.
Kuch logo ne isi contract farming ke khilaaf kisaano ko behka ke kisaano ka nuksaan krwa diya or naam diya kisaan andolan