Terrace Kitchen Gardening

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7. *”Terrace Gardening for Kitchen Essentials”*
8. *”Creating a Productive Kitchen Garden on Your Terrace”*

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हेलो फ्रेंड्स, मैं हूं आपका दोस्त असमानंद और आप देख रहे हैं आपका अपना YouTube चैनल हमारी भाग्या। दोस्तों आज आप देख रहे हैं कि मैं अपने यहां पर बरबट्टी के जो प्लांट है उसके साथ खड़ा हूं और कितने सारे जो बरबट्टी है यहां पर हो रहे हैं। इसके अलावा भी पीछे-पीछे बहुत सारे बरबट्टी यहां पर है। उस साइड में भी है और बरबटी के अलावा कई सारे सब्जियां इस समय और भी होना शुरू हो गया है। कुछ-कुछ जो मैं लगा सका था लगा दिया था इन फलों के पौधों के बीच में। तो जो जो सब्जियां हो रहे हैं चलिए उनको देखते हैं। साथ ही जो है हार्वेस्टिंग भी करते हैं और थोड़ा बहुत देखभाल जो है आपको कैसे करना है उसके बारे में भी जानकारी देते हैं। तो चलिए फटाफट से शुरू करते हैं आज का यह वीडियो। [संगीत] दोस्तों, यहां पर आप देख सकते हैं कि बरबट्टी का यह हमारा पौधा है और पौधे में कितने सारे बरबट्टी आए हुए हैं। यहां पर जो बरबट्टी है सामने की तरफ भी है। पौधे के बैक साइड में तो कुछ ज्यादा ही लगे हैं। सामने जितने लगे हैं उससे ज्यादा। तो सभी को आपको पहले मैं आपको दिखा देता हूं कि किस तरीके से लगे हैं। साथ ही साथ इसमें जो है फूल भी बहुत सारे बन रहे हैं और यह जो है बहुत पुराना पौधा नहीं है। मात्र जो है इसको एक महीने ही हुए होंगे। एक से डेढ़ महीने के अंदर जो है इसमें बरबटी भर गए। शुरू में जो है इसको मैंने लगाया था जो जुलाई महीना है उसके शुरुआत में ही मैंने लगा दिया था। तो जुलाई महीना पूरा खत्म हो गया और अब जो है अगस्त के शुरुआत हो गई तो इसमें जो है अगस्त के शुरुआत से या जुलाई के लास्ट से ही बरबटी का आना शुरू हो गया और यह पौधा जो है बहुत बड़ा नहीं है। बहुत छोटे से ही बरबटी इसमें आ गए। हालांकि मैंने इसके लिए पूरा का पूरा मचान तैयार कर दिया ऊपर लेकिन मचान तक यह जा भी नहीं पाया। केवल ऊपर चढ़ते-चढ़ते ही इसने जो है बहुत सारे बरबटी देना शुरू कर दिया। दोस्तों, यह बरबटी के बीज जो है मुझे कोलकाता से ही मिला था। कोलकाता के एक नर्सरी ने भेजा था। उनका वीडियो भी मेरे चैनल पर है जिसमें बहुत सारे जो पैकेट्स है उसको मैंने खोला अलग-अलग तरह के बीजों का। तो उस समय जब इन्होंने भेजा था तो वो महीना जो है अप्रैल का महीना था। तो अप्रैल मई में लगाने के लिए भेजा था। लेकिन मेरे उस समय जो है काम काफी चल रहा था कंस्ट्रक्शन का तो मैं लगा नहीं पाया। लेकिन अभी जब मैंने उसको लगाया जून के लास्ट में तो बहुत अच्छा डेवलपमेंट हुआ बरबट्टी का और बहुत ज्यादा फलियां इस तरह से देखिए आने लगी। यह बैक साइड में है हमारे छत के पीछे का एरिया और पीछे के एरिया में देखिए और ज्यादा बरबट्टी से यह भर गया। तो यह जो है छोटे हाइट का पौधा है और इसमें यह बरबट्टी आ रही हैं। तो अगर आपके आसपास जो है कोई अच्छी दुकान है बीजों की तो आप उनसे जो है कह सकते हैं कि जिसमें पौधे छोटे रहते हैं और उसमें बरबट्टी आते हैं और महीने डेढ़ महीने में आ जाते हैं तो ऐसे बीजों को दें तो वह आपको दे देंगे। बाकी इस समय भी आप जो है लगाना चाहे लगा सकते हैं और खासतौर से इस समय जो भी आप सब्जियां लगाएं तो ऐसा लगाएं कि सर्दियों के शुरुआत में वह फल देने लगे तो दुकानदार से आप कंसल्ट करें तभी आप जो है उस तरह के बीजों को लें। दोस्तों, आप कभी भी बीजों को खरीदें, तो बिल्कुल जो रोड किनारे बैठे रहते हैं और उनके पास ₹10 ₹10 के पैकेट बने होते हैं, तो थोड़ा सा बचे इस तरह के पौधे अगर आप लेना चाहते हैं जिसमें लॉन्ग टाइम में फलियां वगैरह आती है क्योंकि वो ऑथराइज्ड पे नहीं होते हैं बीज। आप जो है किसी ऑथराइज्ड के दुकान से ही ले या जिनकी दुकान बहुत पुरानी हो। बहुत समय से बीजों का काम कर रहे हो तो ऐसे जगह से बीजों का लेना ज्यादा अच्छा रहता है। दोस्तों आप जो है इस तरह के जो पौधे हैं वह पॉट में अच्छे से लगा सकते हैं क्योंकि पॉट में जो भी आपको बीज लगाना है तो उसमें ध्यान रखें कि जिसमें हाइट कम हो इस तरह के सब्जियां ही लगाएं और बरबट्टी को करेले को इस तरह के सब्जी को आप लगा सकते हैं। खीरे में थोड़ी सी प्रॉब्लम ज्यादा आती है। कीड़े में अचानक से जो है डंक मार देती हैं कुछ कीड़े मकोड़े जिससे कि पौधा अचानक से सूखता है। इसके अलावा जो लौकी है उसमें भी यह जो पौधा है इसको सूखने का रोग जो है अचानक से लग जाता है। दोस्तों जब भी सब्जियां लगाएं तो नीम ऑयल का प्रयोग शुरू से थोड़ा सा करते रहेंगे तो सब्जियों में फिर कीड़े-मकोड़ों का अटैक नहीं होगा और उससे जो है सेहत को भी कोई नुकसान नहीं होगा और जब तक उसमें फ्रूटिंग आएगी तब उसके बाद जो है आपको किसी भी तरह के स्प्रे करने की फिर जरूरत भी नहीं पड़ेगी। साथ ही साथ सब्जियों के छिलके का जो फर्टिलाइजर है चाहे वह लिक्विड बना करके दे चाहे सूखा दे तो वह फर्टिलाइजर आप दे सकते हैं। तो उससे भी काफी अच्छा पौधा डेवलप कर सकता है। और इसके अलावा जो सरसों की खली है तो उसका भी आप यूज कर सकते हैं। बाकी अगर जो है उसकी मिट्टी गीली हो तो गीली मिट्टी में कभी भी सरसों के खली या लिक्विड फर्टिलाइजर का यूज आपको नहीं करना है। दोस्तों देखिए बरबट्टे की हार्वेस्टिंग करने के बाद मैं आ गया हूं अब अपने करौंदे के पौधे के पास और ये जो करौंदा है देसी वाला करौंदा है और काफी समय से मेरे पास है। पहले यह बड़े वाले पॉट में था और उसमें भी काफी अच्छी फ्रूटिंग इसमें हुई है। पिछले दो सालों से हम इसका अचार बना रहे हैं और यह तीसरा साल है जब हम इनके फलों को तोड़ रहे हैं। तो इसमें जो है बहुत अच्छी फ्रूटिंग होती है। बहुत ज्यादा होता है। इस समय बारिश के सीजन में और बार-बार बार-बार इसमें आते रहते हैं इस सीजन में। दोस्तों, बहुत सारे लोग वेट करते हैं इसके फल को ज्यादा बड़े होने का और शुरू में तो यह ग्रीन रहता है। फिर जब थोड़ा बड़ा होता है, तो यह थोड़ा रेड हो जाता है और उसके बाद फिर ब्लैक हो जाता है। तो जितना ज्यादा यह बड़ा होता है, इसके अंदर का बीज जो है उतना ही ज्यादा सख्त होता है। मोस्टली यह जो फ्रूट है, यह अचार बनाने के काम आता है क्योंकि यह खट्टे होते हैं। तो शुरू में जब यह ग्रीन रहे तभी इसको तोड़ना चाहिए। तो इससे जो अचार है वह आसान रहता है बनाना। इसके जो बीज है वह मुलायम उस समय रहते हैं और अचार में ही वो बीज भी जो है वैसे ही आ जाते हैं तो कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन अगर यह जब बड़े होते हैं जब इसमें रेडपन आ जाता है या ब्लैक हो जाते हैं तो ऐसे में बीज सख्त हो जाते हैं। साथ ही जो है अगर आप अचार बनाने जाएंगे तो बीजों को निकाल करके आपको अलग करना पड़ता है। अदरवाइज इसके बीज जो है थोड़े से कड़वे होते हैं तो वह कड़वापन फिर आ जाता है। तो बेहतर है कि शुरू में ही इसको आप तोड़ें। इसका अचार बनाएं और जब आप ऐसे तोड़ते रहेंगे तो आप देखेंगे कि नए-नए फूल भी दोबारा से आ रहे हैं और फिर इसमें जो है इस तरह की फ्रूटिंग का बनना शुरू हो गया है। तो इस सीजन में यह दूसरी बार मैं फल को तोड़ रहा हूं। एक बार एक महीने पहले भी ऐसे फलों को तोड़ा था। इस पौधे से पूरी तरह से जितने भी बड़े हुए थे तो उससे जो है अचार बनाया था और अब एक महीने के बाद फिर से जो है बहुत सारे फ्रूटिंग से यह भर गया पौधा और फिर से इसको इस समय हार्वेस्ट कर रहा हूं। तो इससे बहुत अच्छे अचार हमारे बन जाएंगे। देखिए कितने सारे फ्रूट जो है इकट्ठे हो गए। तो बरबट्टी और जो करौंदा है दोनों को तोड़ लिया है। इसके अलावा करौंदा जो है मीठे वाले भी हैं तो वह तो मोस्टली पका करके खाते हैं। यह वाला देखिए यह हमारा जो है खीरे का पौधा है उसी के पास ही फलों के जो पौधे हैं जामुन का पौधा है तो उसके किनारे से ही लगा दिया था और इसमें जो है अब इस तरह के जो फ्रूटिंग है वह आना शुरू हो गया है। इसके अलावा यहां पर देखिए करेले का पौधा लगा दिया था और करेले में भी जो है करेले आना शुरू हो गए हैं। ऊपर मचान पर भी यह पौधा चढ़ गया है और बहुत लंबे समय तक रहता है करेला और इसमें जो रोगों का अटैक होता है वह भी बहुत कम होता है। कीड़े-मकोड़ों का अटैक भी कम ही इसमें मुझे लगा। लेकिन आप थोड़ा सा अगर नीम ऑयल का स्प्रे करेंगे तो वह भी नहीं लगेगा। तो बहुत अच्छा पौधा है। बहुत घने भी देखिए हो गए हैं और बीच-बीच में से हमें करेले भी इस तरह से तोड़ने को मिल रहा है। दोस्तों अगर खाद की बात करें तो मैं खाद का बिल्कुल जो है प्रयोग इस समय नहीं कर रहा हूं। केवल और केवल जो किचन वेस्ट है वही इन पौधों में डाल रहा हूं। मतलब जो भी फलों के और घर में जितने भी सब्जी बनती है तो उनके जो भी छिलके वगैरह है मैं वही इस बेड पर ला के डाल देता हूं। और जब थोड़ा सा वह सूख जाते हैं ऊपर से तो उसको मैं बैठ के उसी मिट्टी में दबा देता हूं। तो इससे जो है सारे पौधे बहुत ही अच्छे से डेवलप कर रहे हैं और उनको पूरी एनर्जी इसी से मिल रही है। यहां पर देखिए इस पौधे में माल्टा कितने सारे इस समय आए हैं। हालांकि इस साल यह पौधे बहुत ज्यादा डिस्टर्ब हुए और इस सारे पौधों को जिस समय इसमें फूल थे तो उस समय मैंने इस बैग में लाकर के लगाया था और उस समय बैग में डालने के लिए मेरे पास मिट्टी भी नहीं थी। तो इतने डिस्टरबेंस के बाद भी यह फल जो है दे रहे हैं। यही काफी बड़ी बात है। तो अब तो खैर परमानेंट हो गया है बिल्कुल यह बैज और इसमें जितने भी पौधे हैं बहुत अच्छे से डेवलप कर रहे हैं। नींबू आप देख सकते हैं किस तरह से जो है पूरे पौधे में भरा हुआ है। हालांकि इसमें बहुत सारे ब्रांचेस और भी थे तो उसकी कटाई छटाई मैंने कर दी और इसमें जितने नींबू अभी दिखाई दे रहे हैं तो इससे दुगने से भी ज्यादा नींबू इसमें था और लगातार इसमें से जो है हम नींबू तोड़ रहे हैं। उसका डेली यूज़ अपने घर में कर रहे हैं। तो इस तरह के जो कागजी नींबू है वह भी आप अपने गार्डन में रख सकते हैं। और थोड़ा से बड़े पॉट में जब आप इसको रखेंगे धीरे-धीरे पौधा जब बड़ा होगा तो उस समय काफी नींबू आपको इसमें देखने को मिलेगा। लेकिन कभी भी कोई भी फल का पौधा आप पॉट में लगाते हैं तो हमेशा आप छोटे पॉट से स्टार्टिंग कीजिए। यानी कि लगभग 10 इंच के पॉट का आप यूज कीजिए और उसके बाद 6 महीने या साल भर के बाद आप उसको रिपॉट करते समय फिर उससे 2 इंच बड़े पॉट में रिपॉट कीजिए। तो ऐसे में जितने भी पौधे हैं उसका डेवलपमेंट काफी अच्छे से होता है और अच्छे फ्लोटिंग वह करता है। दोस्तों अगर आप गार्डनिंग को परमानेंट रखना चाहती हैं तो इस तरह का बैग जो है छत के किनारे-किनारे से आप बना सकते हैं। वन टाइम इसमें इन्वेस्टमेंट होता है। लेकिन यह जो है लॉन्ग टाइम के लिए आपका हो जाता है और कोई दिक्कत नहीं होती। केवल ध्यान इस बात का रखना होता है कि इसका जो ड्रेनेज सिस्टम है वह बहुत अच्छा हो और पानी जैसे ही ऊपर से पड़े यानी कि जितने भी बारिश क्यों ना हो जितना भी पानी आप क्यों ना डालें वो छन करके पानी जो है नीचे से निकल जाए या साइड से निकल जाए तो इस तरह का इसका ड्रेनेज सिस्टम आप बना दीजिए और कैसे बनाना है कैसे इस बैच को तैयार किया अगर डिटेल में जानना चाहते हैं तो उसका वीडियो भी जो है इसी चैनल पर है तो उन वीडियोस को आप देख सकते हैं और वहां से अपने बैग को तैयार कर सकते हैं। देखिए यहां पर जो मेरे अनार है पौधे में वह भी कितने अच्छे से लगना शुरू हो गए हैं। इसमें सारे पौधों की कटाई छटाई मैंने कर दी है। जिससे कि नीचे जो इसके सब्जियां हैं वह भी अच्छे से हो सके। तो बीच-बीच में जो साग है यहां पर देख सकते हैं कि लाल वाला जो चौलाई होता है वह जगह-जगह पर हो रहे हैं। हरी चौलाई भी बहुत ज्यादा मैंने लगा रखा था। तो हरी चौलाई जो है खा लिया है हमने। बाकी अब रेड वाला जो चौलाई है वही बचा हुआ है। इसके अलावा यहां पर आप देख सकते हैं कि जो मिर्च के पौधे हैं वह भी लगे हुए हैं। तो यह सारे मिर्च के पौधे भी मेरे फलों के पौधे के साथ-साथ ही लगे हुए हैं। तो फलों का हालांकि यह पूरा का पूरा जो सेटअप है गार्डन का यह मेन फ्रूट गार्डन है। लेकिन इस तरह के छोटी-मोटी जो सब्जियां है वह बीच-बीच में मैंने लगा दिया है। जिससे हमें जो है बहुत अच्छी खासी सब्जी मिल जाती है। तो जितने भी तरह के साग है उसको आप लगा सकते हैं। और अब तो मैंने खैर बैंगन वगैरह भी लगा दिए हैं इसके अंदर। और मिर्च के पौधे ये जो है लगभग डेढ़ महीने हो गए हैं। किसी को दो महीने हुए हैं तो उस समय हमने इसको लगाया था। तो अब देखिए कितने अच्छे से मिर्च देना इन्होंने शुरू कर दिया है। दोस्तों गार्डनिंग के लिए केवल थोड़ी सी अगर आपके पास इच्छा हो थोड़ी सी जगह हो तो आप छत पर जो है आराम से इसको कर सकते हैं। पॉट में कर सकते हैं और बिल्कुल घर में ही यूज़ होने वाला जो सब्जियों के छिलके वगैरह हैं इसी को खाद के रूप में आप यूज कर सकते हैं और इसी से इतने सारी फ्रूटिंग ले सकते हैं। मैं शायद ऐसा गार्डनर होऊंगा जो कि बहुत कम जो है खर्च में या बिल्कुल जीरो बजट में गार्डनिंग करते हैं क्योंकि जितना का जो भी आपका यूज़ होता है उसमें किचन वेस्ट ही मेरा मोस्टली रहता है और साथ ही साथ जो गार्डन वेस्ट होता है जितने भी पत्ते वगैरह होते हैं या जो भी जो ब्रांचेस होते हैं जो शाखाएं होती हैं नरम नरम तो उन सबको मैं छोटे-छोटे टुकड़े कर देता हूं और वही चीज जो है अपने गार्डन में यूज करता हूं थोड़ा सा उसको इसको सूखने देता हूं, थोड़ा सड़ने देता हूं और वही चीज इसके मिट्टी में मिला देता हूं। तो उससे यह गार्डनिंग जो है और अच्छी होती है क्योंकि मिट्टी इससे मुलायम हो जाती है और मिट्टी में जितने भी पोषक तत्व है वो आ जाते हैं। यहां पर देखिए मैं अपने ऊपर वाले छत पर जो है आपको लेकर के आ गया हूं। और यह पपीते का पौधा है जिसमें पपीते भी बहुत सारे हो रहे हैं और पपीते के नीचे फिर यहां मैंने मिर्च भी लगा दिया है। तो यह वाला छत भी जो है मोस्टली मेरा फ्रूट प्लांट से ही भरा हुआ है और फ्रूट प्लांट के बीच-बीच में ही इस तरह के जो ब्रिज के पौधे हैं वो है और देखिए सभी के सभी पौधे में कुछ ना कुछ मिर्च हो ही रहे हैं। किसी में जो है अगर नहीं भी हो रहे हैं तो उसमें फूल आ रहे हैं। तो अभी भी आप मिर्च को लगा सकते हैं। मिर्च तो खैर हमेशा ही लगा सकते हैं आप। तो इसको आप लगा दें। एक मिर्च और एक बैंगन जो है यह हमेशा लगने वाला पौधा होता है। कभी भी आप इनको लगा सकते हैं। दोस्तों शुरू से ही थोड़ा सा मिर्च में आप अगर कोई स्प्रे वगैरह करते रहेंगे या इमीडिया क्लोपिड जो दवाई होती है उसका शुरू में थोड़ा सा स्प्रे कर देंगे तो बाद में फिर इसमें कोई कीड़े वगैरह नहीं लगेंगे। जिस तरह से इसकी पत्तियां सिकुड़ती है। कई बार वह जो है सिकुड़न रोग हो जाता है। तो शुरू से अगर आप दवाइयों का थोड़ा यूज़ करेंगे तो जब तक इसमें मिर्च आएगी तो तब तक जो है सारे कीड़े-मकोड़े इसके हट चुके होंगे और दोबारा कीड़े फिर नहीं आएंगे। तो पौधे में जिसमें मिर्च लगे हो तो उस समय आपको स्प्रे करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपका पौधा जो है बहुत अच्छा फलन देगा। बाकी आपको जो है केवल यही करना है कि जितना भी किचन वेस्ट है उसका यूज करना है और बीच-बीच में सरसों की खली का यूज करना है। तो इतना ही करते रहेंगे तो उसी से आपके जो फ्रूटिंग है वो अच्छी होगी। देखिए आंवड़ा भी हो रहे हैं मेरे पौधे में। तो आंवड़ा भी मोस्टली अचार बनाने के काम आता है। बाकी यह जो है स्वीट आंवड़ा है। तो इसको हम डायरेक्टली भी खा सकते हैं। यहां पर देखिए मेरा पपीते का पेड़ है और कितने सारे पपीते का लगना शुरू हो गया है। लगभग दो ढाई महीने पहले जो है इस पौधे को हमने खरीदा था और बहुत जल्दी यह डेवलप कर गया। ऊपर जब हमने छत में इसको लगाया बेड के अंदर तो बहुत अच्छे से ग्रो कर गए। बड़े भी हो गए। फूल भी तुरंत से बनने लगे और अब देखिए पपीते से पूरा पौधा अब जो है भरने लगा है। तो दो पौधे मैंने यह लिए थे और लोकल के नर्सरी से ही हमने इसको लिया था। ₹40 ईच प्लांट का मुझे पड़ा था। तो उम्मीद है दोस्तों आज के यह सब्जियों का जो वीडियो है और हार्वेस्टिंग का जो वीडियो है आपको पसंद आया होगा। फिर जल्द मिलते हैं एक नए वीडियो के साथ। तब तक के लिए दीजिए विदा और देखते रहिए हमारी बगिया। नमस्कार। [संगीत]

15 Comments

  1. Bahut accha laga video sir mera nimboo ke mosambi ke plants me kale kede ho rahe hai kya karna chahiye patte kha rahe hai phek de phir bhi aa rahe hai kya karna chahiye sir spray bhi nahi kar sakte barish roz ho rahi hai

  2. श्रीमान जी नमस्कार आपने अपने एक विडियो मे ग्राफ्टिंग टूल्स के बारे मे बताया है कृपया जोधपुर का एड्रेस बताएं।

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