जो शख्स फजर की नमाज छोड़ देता है उसे अंदाजा नहीं है उसने क्या छोड़ दिया। रहमतें लौट गई, फरिश्ते लौट गए। और हुजूर ने फरमाया जो फजर के वक्त सोता रह जाता है, शैतान उसके कानों में पेशाब करता है। आप जरा सोचें शैतान जिसके कानों में पेशाब करता हो। भला उसके जेहन में अच्छी तदबीर आ सकती है। वो अच्छा सोच सकता है। अच्छी तदबीरें निकाल सकता है। अच्छे ख्याल उसके दिमाग में आ सकते हैं। हरगिज़ नहीं।
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